Saturday, October 25, 2008

दीवाली की शुभकामनाओं सहित...

हाइकु गीत



दीया



- नलिनीकांत, अंडाल ।


अँधेरा हुआ
तो क्या हुआ, जलाओ
आशा का दीया ।

कूबत भर
लड़ेगा तिमिर से
छोटा सा दीया ।

वर्तिका नन्हीं
तेल नहीं पर्याप्त
उसने पीया ।

फिर भी वह
जन्म और जाति से
ज्योति का दीया ।

रग रग में
उसकी प्रकाश औ
दीप्ति है सीया

सूर्यवंशी है
टिमटिमाता लघु
माटी का दीया ।

वह तो झुग्गी
झोपड़ी का जाग्रत
प्रहरी दीया ।

1 comment:

Sherfraz said...

Japan haiku kavita converted into indian tradition is highly appreciable. Wish you a happy dewali and expect more poetry from your pen.