Saturday, February 26, 2011

बाबा नागार्जुन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी बिलासपुर में


राजेश्वर सक्सेना और प्रो. जगमोहन का प्रमोद वर्मा स्मृति सम्मान

बिलासपुर। बाबा नागार्जुन की जन्म शताब्दी पर ख़ासतौर पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन अपने समय के महत्वपूर्ण कवि श्रीकांत वर्माजी के शहर बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में आगामी 27- 28 फरवरी (रविवार-सोमवार) को स्थानीय जाजोदिया धर्मशाला, कंपनी गार्डन में किजा जा रहा है । यह आयोजन राज्य की प्रतिष्ठित संस्था प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान की बिलासपुर इकाई द्वारा की जा रही है ।

संस्था के कार्यकारी निदेशक जयप्रकाश मानस ने बताया है कि राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्यतः पाँच सत्र होंगे । प्रथम सत्र में संगोष्ठी का उद्घाटन 27 फरवरी प्रातः 10.30 बजे होगा जिसमें नागार्जुन पर केंद्रित एकाग्रफिर फिर नागार्जुन’ (संपादन-विश्वरंजन) सहित संस्थान द्वारा प्रकाशित हिन्दी के सात कवियों के कविता संकलनों के पहले सैट का विमोचन किया जायेगा । ये संग्रह हैं बेतरतीब (प्रभात त्रिपाठी, रायगढ़), सीढ़ी उतरती है अँधेरे गर्भगृह में (विश्वजीत सेन, पटना), भुलवश और जानबूझकर (नासिर अहमद सिंकदर,भिलाई), अबोले के विरूद्ध (जयप्रकाश मानस, रायपुर), राजा की दुनिया (बी.एल.पाल, दुर्ग), किताब से निकलकर प्रेम कहानी (कमलेश्वर साहू, दुर्ग) व चांदनी थी द्वार पर (सुरेश कुमार पंडा) । इसके अलावा आलोचनात्मक कृतियाँ-युग की नब्ज़ (श्रीप्रकाश मिश्र, इलाहाबाद), हिन्दी के श्रेष्ठ आख्यानक प्रगीत (डॉ. बलदेव), साहित्य और सहभागिता (वारीन्द्र वर्मा) आलेख संग्रह प्रभाष स्मृति (संजय द्विवेदी, जयप्रकाश मानस), समय का सूरज (चेतन भारती) बोलता आईना (संदीप तिवारी), अलविदा बीसवीं सदी का छत्तीसगढ़ी अनुवाद (अशोक सिंघई/राजाराम रसिक)का विमोचन भी किया जायेगा । इस मौके पर संस्थान की त्रैमासिकी पाण्डुलिपिके तीसरे अंक और आरा से प्रकाशित लघुपत्रिका देशज (सं.अरुण शीतांश)के आलोचना विशेषांक(अतिथिसंपादक-जयप्रकाश मानस) व साहित्य वैभव (सं.डॉ. सुधीर शर्मा)का विमोचन भी होगा । उक्त अवसर पर वरिष्ठ आलोचक राजेश्वर सक्सेना और लेखक श्री जगमोहन मिश्र को प्रमोद वर्मा आलोचना सम्मान से अंलकृत किया जायेगा ।

दोपहर 12 बजे द्वतीय सत्र में बाबा का पद्यपर विमर्श होगा जिसमें नागार्जुन की मैथिली, संस्कृत कविताएं केंद्र में होंगी।

दोपहर 4.30 बजे तृतीय सत्र बाबा को याद करते हुएमें बाबा नागार्जुन के सानिध्य में रहे साहित्यकार अपने संस्मरण सुनायेंगे ।

27 फरवरी के अंतिम सत्र वाणीमें सर्वप्रथम बाबा के हिन्दी कविताओं का पाठ रचनाकारों द्वारा किया जायेगा । तत्पश्चात हिन्दी की कवयित्रियों द्वारा कविता पाठ होगा ।

28 फरवरी को 9.30 बजे प्रथम सत्र में बाबा का गद्यपर विमर्श होगा जिसमें नागार्जुन की कहानी,निबंध, उपन्यास, पत्र, आदि गद्यात्मक विधाएं केंद्र में होंगी ।

दोपहर 3 बजे द्वितीय सत्र में बाबा को याद करते हुएमें बाबा नागार्जुन के सानिध्य में रहे साहित्यकार अपने संस्मरण सुनायेंगे ।

शाम 5 बजे स्व. प्रमोद वर्मा व श्रीकांत वर्मा के निवास और सृजन-स्थली का अवलोकन होगा ।

28 फरवरी के अंतिम सत्र वाणीमें सर्वप्रथम बाबा के हिन्दीतर कविताओं का पाठ रचनाकारों द्वारा किया जायेगा । तत्पश्चात हिन्दी के कवियों का कविता पाठ होगा ।

संगोष्ठी के उपर्युक्त दोनों सत्रों में नागर्जुन के पद्य और गद्य के बहाने उनके शिल्प, भाषा, विचार, दर्शन आदि पर व्यापक दृष्टि डाली जायेगी । जिसमें कुछ ख़ास विषय हैं - नागार्जुन की कहानियाँ, नागार्जुन के उपन्यास, संस्मरण लेखक नागार्जुन, नागार्जुन : जनकवि के रूप में, नागार्जुन और मुक्तिबोध का सृजन-बोध,कबीर और नागार्जुन, नागार्जुन का लोक, नागार्जुन का बुद्ध दर्शन नागार्जुन का जातियता-बोध, नागार्जुन कामार्क्सवाद, नागार्जुन का गैरमार्क्सवादी चिंतन, नागार्जुन का जीवन, नागार्जुन के सपने, नागार्जुन का प्रजातंत्र,राजनीति और नागार्जुन, नागार्जुन का ग्राम्यबोध आदि ।

इस आयोजन में राज्य के साहित्यकारों के अलावा विशेष तौर पर सर्वश्री विजय बहादुर सिंह(भोपाल), प्रो.अजय तिवारी(दिल्ली), प्रो. गंगा प्रसाद विमल(दिल्ली), डॉ. देवराज(मुजफ्फरपुर), भारत भारद्वाज (दिल्ली) डॉ. साधना अग्रवाल (दिल्ली) रमेश दवे(भोपाल), डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र(देहरादून), श्रीप्रकाश मिश्र(इलाहाबाद), श्रीभगवानसिंह(भागलपुर), रघुवंशमणि त्रिपाठी(फैजाबाद), शैलेंद्र कुमार त्रिपाठी(कोलकाता), प्रफुल्ल कोलख्यान(कोलकाता), श्रीबोधिसत्व(मुंबई), श्री राजेन्द्र उपाध्याय(दिल्ली), श्री कृष्ण मोहन झा(सिलचर), पंकज पाराशर(अलीगढ़), अरुणहोता(कोलकाता), रमेश खत्री(जयपुर) अनुराधा शंकर(भोपाल), किरण अग्रवाल(दिल्ली), प्रताव राव कदम(खंडवा),ओम भारती(भोपाल), उदभ्रांत(दिल्ली), डॉ. सुधीर सक्सेना(रायपुर), डॉ. सी. जय शंकर बाबु. (पांडिच्चेरी), के.राजश्री(केरल) प्रतिभागी होंगे

इसके अलावा राज्य से डॉ. सुशील त्रिवेदी, रमाकांत श्रीवास्तव, परितोष चक्रवर्ती, डॉ. प्रेम दुबे, संजीव बख्शी, रमेश अनुपम, डॉ. सुधीर शर्मा, गिरीश पंकज, डॉ. जे. आर. सोनी, राजेन्द्र सोनी, राजेश गनोदवाले, महावीर अग्रवाल, डॉ. परदेशीराम वर्मा, मीता दास, प्रभा सरल, विद्या गुप्ता, अनीता कार्डेकर, संतोष बघेल, प्रभात त्रिपाठी, डॉ. बलदेव, हरकिशोर, पं. श्यामलाल चतुर्वेदी, राम नारायण शुक्ल, डॉ. पालेश्वर शर्मा, सतीश जायसवाल, डॉ. विनय कुमार पाठक, विमल कुमार पाठक, डॉ. अजय पाठक, शिवदत्त वाभलकर, रजतकृष्ण, संजय अंलग, सूरज राठौर, भास्कर चौधरी, विजय राठौर, रमेश सिन्हा, विजय सिंह, सनत जैन, माझी अनंत, निर्मल आनंद, त्रिभुवन पांडेय, संजय शाम, नंद कुमार कंसारी, पूर्ण चंद्र रथ आदि सभी साहित्यकारगण अपनी भागीदारी निभायेंगे ।

Monday, February 21, 2011

बॉलीवुड को भाने लगा मध्यप्रदेश

बॉलीवुड को भाने लगा मध्यप्रदेश

ध्यप्रदेश, देश का हृदय है। प्राकृतिक सौंदर्य, संपदा और ऐतिहासिक महत्व के स्थलों से भी खूब समृद्ध है मध्यप्रदेश। इसके सौंदर्य का गुणगान पर्यटन को आकर्षित करने के लिए बनाए गए विज्ञापन बखूबी करते हैं। मन को आल्हादित करने वाले मध्यप्रदेश के वातावरण ने आखिरकार बॉलीवुड को अपने मोहपाश में बांध ही लिया है। बॉलीवुड के नामी निर्देशकों में शुमार प्रकाश झा को भी मध्यप्रदेश भा गया है। सिने सितारों से सजी उनकी सफल फिल्म राजनीति की अधिकांश शूटिंग प्रदेश की राजधानी भोपाल में ही हुई थी। भोपालियों सहित प्रदेश की आवाम ने राजनीति में वीआईपी रोड और न्यू मार्केट का अप्रितम सौंदर्य निर्देशक प्रकाश झा की नजरों से देखा। अब वे अपनी बहुचर्चित फिल्म आरक्षण की शूटिंग के लिए सदी के महानायक अमिताभी बच्चन सहित भोपाल में डटे हुए हैं। इससे पहले बेहतरीन काम से लोगों के दिल पर राज करने वाले आमिर खान ने किसानों की दुर्दशा के प्रति देशभर में सहानभूति जुटाई अपनी फिल्म पीपली लाइव से। इसकी शूटिंग भी मध्यप्रदेश में ही हुई। प्रदेश के एक और महत्वपूर्ण शहर ग्वालियर ने भी बॉलीवुड सहित हॉलीवुड का ध्यान अपनी ओर खींचा है। खबर है कि ग्वालियर और ओरछा के किले पर पहली बार एक हॉलीवुड फिल्म की शूटिंग होने वाली है। बेल्जियम की फिल्म निर्माता कंपनी कोरसम और मुंबई की नील मुद्रा एंटरटेनमेंट फिल्म सिंगुलरिटी का निर्माण कर रहे हैं। इसमें हॉलीवुड के अभिनेता जोश हार्टनेट और अभिनेत्री ट्रेसी उल्मा के साथ ही बॉलीवुड अभिनेत्री बिपाशा बसु, अभिनेता अभय देओल, अतुल कुलकर्णी और मिलिंद सोमण भी दिखाई देंगे। इसके अलावा प्रसिद्ध अभिनेता और निर्देशक पंकज कपूर भी फिल्म मौसम की शूटिंग के सिलसिले में ग्वालियर प्रवास कर चुके हैं। फिल्म मौसम एक रोमांटिक फिल्म है जिसमें पंकज कपूर के बेटे शाहिद कपूर मुख्य अभिनेता हैं। शाहिद ग्वालियर एयरवेज स्टेशन से फाइटर प्लेन उड़ाते नजर आएंगे।
खैर, ऐसा नहीं है कि मध्यप्रदेश ने अभी-अभी कुछ जादू चलाया है जो बॉलीवुड इस ओर दौड़ पड़ा है। पहले भी प्रदेश में कई फिल्मों की शूटिंग होती रही है। ग्वालियर के चम्बल और जबलपुर के भेड़ाघाट सहित अन्य जगहों पर कुछेक प्रसिद्ध फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। यहां रोमांचित और प्रसन्न होने की बात सिर्फ इतनी-सी नहीं है कि फिल्मों में हमारा प्रदेश दिखेगा। बल्कि प्रसन्नता का कारण यह है कि यह सिलसिला यूं ही चल निकला तो निश्चित ही प्रदेश के राजस्व में बढ़ोतरी होगी। जिसका लाभ प्रदेश की जनता को मिलेगा। इससे पर्यटकों की संख्या में भी आशातीत वृद्धि होगी। प्रदेश के थियेटर कलाकारों को कुछ काम भी मिलने की संभावना है। यहां कई प्रतिभावान कलाकार हैं, जिन्हें बस मंच की दरकार है। प्रदेश ने बॉलीवुड को कई दिग्गज कलाकार दिए भी हैं। जिनमें संगीतकारों की लम्बी सूची तो है ही, अभिनेता, निर्देशक भी शामिल हैं। प्रसन्नता की एक खबर यह भी है कि निर्देशक प्रकाश झा ने आरक्षण के लिए भोपाल व प्रदेश के कई थियेटर कलाकारों का चयन किया है। जिनमें ग्वालियर के स्केटिंग कोच अरविंद दीक्षित का नाम भी शामिल है। हे प्रभु! यह सिलसिला यूं ही चलता रहे, बल्कि रफ्तार पकड़ ले।
लोकेन्द्र सिंह राजपूत
सब-एडिटर
पत्रिका, ग्वालियर