राजेश्वर सक्सेना और प्रो. जगमोहन का प्रमोद वर्मा स्मृति सम्मान
बिलासपुर। बाबा नागार्जुन की जन्म शताब्दी पर ख़ासतौर पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन अपने समय के महत्वपूर्ण कवि श्रीकांत वर्माजी के शहर बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में आगामी 27- 28 फरवरी (रविवार-सोमवार) को स्थानीय जाजोदिया धर्मशाला, कंपनी गार्डन में किजा जा रहा है । यह आयोजन राज्य की प्रतिष्ठित संस्था प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान की बिलासपुर इकाई द्वारा की जा रही है ।
संस्था के कार्यकारी निदेशक जयप्रकाश मानस ने बताया है कि राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्यतः पाँच सत्र होंगे । प्रथम सत्र में संगोष्ठी का उद्घाटन 27 फरवरी प्रातः 10.30 बजे होगा जिसमें नागार्जुन पर केंद्रित एकाग्र‘फिर फिर नागार्जुन’ (संपादन-विश्वरंजन) सहित संस्थान द्वारा प्रकाशित हिन्दी के सात कवियों के कविता संकलनों के पहले सैट का विमोचन किया जायेगा । ये संग्रह हैं – बेतरतीब (प्रभात त्रिपाठी, रायगढ़), सीढ़ी उतरती है अँधेरे गर्भगृह में (विश्वजीत सेन, पटना), भुलवश और जानबूझकर (नासिर अहमद सिंकदर,भिलाई), अबोले के विरूद्ध (जयप्रकाश मानस, रायपुर), राजा की दुनिया (बी.एल.पाल, दुर्ग), किताब से निकलकर प्रेम कहानी (कमलेश्वर साहू, दुर्ग) व चांदनी थी द्वार पर (सुरेश कुमार पंडा) । इसके अलावा आलोचनात्मक कृतियाँ-युग की नब्ज़ (श्रीप्रकाश मिश्र, इलाहाबाद), हिन्दी के श्रेष्ठ आख्यानक प्रगीत (डॉ. बलदेव), साहित्य और सहभागिता (वारीन्द्र वर्मा) आलेख संग्रह प्रभाष स्मृति (संजय द्विवेदी, जयप्रकाश मानस), समय का सूरज (चेतन भारती) बोलता आईना (संदीप तिवारी), अलविदा बीसवीं सदी का छत्तीसगढ़ी अनुवाद (अशोक सिंघई/राजाराम रसिक)का विमोचन भी किया जायेगा । इस मौके पर संस्थान की त्रैमासिकी ‘पाण्डुलिपि’ के तीसरे अंक और आरा से प्रकाशित लघुपत्रिका ‘देशज (सं.अरुण शीतांश)’ के आलोचना विशेषांक(अतिथिसंपादक-जयप्रकाश मानस) व साहित्य वैभव (सं.डॉ. सुधीर शर्मा)का विमोचन भी होगा । उक्त अवसर पर वरिष्ठ आलोचक राजेश्वर सक्सेना और लेखक श्री जगमोहन मिश्र को प्रमोद वर्मा आलोचना सम्मान से अंलकृत किया जायेगा ।
दोपहर 12 बजे द्वतीय सत्र में ‘बाबा का पद्य’ पर विमर्श होगा जिसमें नागार्जुन की मैथिली, संस्कृत कविताएं केंद्र में होंगी।
दोपहर 4.30 बजे तृतीय सत्र ‘बाबा को याद करते हुए’ में बाबा नागार्जुन के सानिध्य में रहे साहित्यकार अपने संस्मरण सुनायेंगे ।
27 फरवरी के अंतिम सत्र ‘वाणी’ में सर्वप्रथम बाबा के हिन्दी कविताओं का पाठ रचनाकारों द्वारा किया जायेगा । तत्पश्चात हिन्दी की कवयित्रियों द्वारा कविता पाठ होगा ।
28 फरवरी को 9.30 बजे प्रथम सत्र में ‘बाबा का गद्य’ पर विमर्श होगा जिसमें नागार्जुन की कहानी,निबंध, उपन्यास, पत्र, आदि गद्यात्मक विधाएं केंद्र में होंगी ।
दोपहर 3 बजे द्वितीय सत्र में ‘बाबा को याद करते हुए’ में बाबा नागार्जुन के सानिध्य में रहे साहित्यकार अपने संस्मरण सुनायेंगे ।
शाम 5 बजे स्व. प्रमोद वर्मा व श्रीकांत वर्मा के निवास और सृजन-स्थली का अवलोकन होगा ।
28 फरवरी के अंतिम सत्र ‘वाणी’ में सर्वप्रथम बाबा के हिन्दीतर कविताओं का पाठ रचनाकारों द्वारा किया जायेगा । तत्पश्चात हिन्दी के कवियों का कविता पाठ होगा ।
संगोष्ठी के उपर्युक्त दोनों सत्रों में नागर्जुन के पद्य और गद्य के बहाने उनके शिल्प, भाषा, विचार, दर्शन आदि पर व्यापक दृष्टि डाली जायेगी । जिसमें कुछ ख़ास विषय हैं - नागार्जुन की कहानियाँ, नागार्जुन के उपन्यास, संस्मरण लेखक नागार्जुन, नागार्जुन : जनकवि के रूप में, नागार्जुन और मुक्तिबोध का सृजन-बोध,कबीर और नागार्जुन, नागार्जुन का लोक, नागार्जुन का बुद्ध दर्शन नागार्जुन का जातियता-बोध, नागार्जुन कामार्क्सवाद, नागार्जुन का गैरमार्क्सवादी चिंतन, नागार्जुन का जीवन, नागार्जुन के सपने, नागार्जुन का प्रजातंत्र,राजनीति और नागार्जुन, नागार्जुन का ग्राम्यबोध आदि ।
इस आयोजन में राज्य के साहित्यकारों के अलावा विशेष तौर पर सर्वश्री विजय बहादुर सिंह(भोपाल), प्रो.अजय तिवारी(दिल्ली), प्रो. गंगा प्रसाद विमल(दिल्ली), डॉ. देवराज(मुजफ्फरपुर), भारत भारद्वाज (दिल्ली) डॉ. साधना अग्रवाल (दिल्ली) रमेश दवे(भोपाल), डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र(देहरादून), श्रीप्रकाश मिश्र(इलाहाबाद), श्रीभगवानसिंह(भागलपुर), रघुवंशमणि त्रिपाठी(फैजाबाद), शैलेंद्र कुमार त्रिपाठी(कोलकाता), प्रफुल्ल कोलख्यान(कोलकाता), श्रीबोधिसत्व(मुंबई), श्री राजेन्द्र उपाध्याय(दिल्ली), श्री कृष्ण मोहन झा(सिलचर), पंकज पाराशर(अलीगढ़), अरुणहोता(कोलकाता), रमेश खत्री(जयपुर) अनुराधा शंकर(भोपाल), किरण अग्रवाल(दिल्ली), प्रताव राव कदम(खंडवा),ओम भारती(भोपाल), उदभ्रांत(दिल्ली), डॉ. सुधीर सक्सेना(रायपुर), डॉ. सी. जय शंकर बाबु. (पांडिच्चेरी), के.राजश्री(केरल) प्रतिभागी होंगे ।
इसके अलावा राज्य से डॉ. सुशील त्रिवेदी, रमाकांत श्रीवास्तव, परितोष चक्रवर्ती, डॉ. प्रेम दुबे, संजीव बख्शी, रमेश अनुपम, डॉ. सुधीर शर्मा, गिरीश पंकज, डॉ. जे. आर. सोनी, राजेन्द्र सोनी, राजेश गनोदवाले, महावीर अग्रवाल, डॉ. परदेशीराम वर्मा, मीता दास, प्रभा सरल, विद्या गुप्ता, अनीता कार्डेकर, संतोष बघेल, प्रभात त्रिपाठी, डॉ. बलदेव, हरकिशोर, पं. श्यामलाल चतुर्वेदी, राम नारायण शुक्ल, डॉ. पालेश्वर शर्मा, सतीश जायसवाल, डॉ. विनय कुमार पाठक, विमल कुमार पाठक, डॉ. अजय पाठक, शिवदत्त वाभलकर, रजतकृष्ण, संजय अंलग, सूरज राठौर, भास्कर चौधरी, विजय राठौर, रमेश सिन्हा, विजय सिंह, सनत जैन, माझी अनंत, निर्मल आनंद, त्रिभुवन पांडेय, संजय शाम, नंद कुमार कंसारी, पूर्ण चंद्र रथ आदि सभी साहित्यकारगण अपनी भागीदारी निभायेंगे ।
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