पर्वत राग का महिला लेखन विशेषांक
पर्वत राग का बहुप्रतीक्षित महिला लेखन विशेषांक प्रकाशित हो गया है। यह विशेषांक पर्वत राग के पिछले विशेषांकों से कुछ हट कर है। बदलते दौर में महिला लेखिकाएं पति- पत्नी संबंधों, प्यार, रोमांस, विलाप और घर की चारदिवारी की दुनिया से हटकर देश व समाज के समक्ष खड़े ज्वलंत मुद्दों पर क्या सोचती हैं, यह टोह लेने के लिए देश की प्रमुख लेखिकाओं के साक्षात्कार लिए गए हैं । हालांकि कई साहित्यिक पत्रिकाओं ने समय- समय पर महिला लेखन पर केन्द्रित अंक निकाले हैं लेकिन पर्वत राग के इस विशेषांक में महिला लेखन के बहाने महिलाओं के अन्तर्मन में झांकने , उनके भीतर की उथल- पुथल से रूबरू होने , उनके सपनों की दहलीज तक पहुंचने, उनके आक्रोश से बावस्ता होने ,उनके जीवन दर्शन को समझने , उनके अनुभव जगत को बांटने का एक विनम्र प्रयास किया गया है।
इस अंक में कई लेखिकाएं 70 से अधिक उम्र की हैं और इनमें से अनेक लेखिकाएं न केवल आज भी सृजनरत हैं बल्कि उम्र को चुनौती देते हुए उन्होंने इंटरनेट और फेसबुक पर भी बराबर सक्रियता दिखाई है। नि:संदेह इससे नवलेखन को भी बढ़ावा मिला है और युवा लेखिकाओं की एक नई पौध भी सामने आई है। पर्वत राग के इस अंक में कृष्णा सोबती से अनामिका द्वारा लिये गए साक्षात्कार के अलावा उनकी कहानी पावर ऑफ अटार्नी , मन्नू भंडारी से दिनेश कुमार की बातचीत, बांग्ला लेखिका महाश्वेता देवी की कहानी और कथाकार राजेन्द्र राजन द्वारा उनसे किया गया साक्षात्कार, डोगरी की चर्चित कवियत्री व लेखिका पद्मा सचदेव की दो स्वयं अनुदित कविताएं व कहानीकार ओम गोस्वामी से उनकी बातचीत,पंजाबी की प्रसिद्ध कथाकार अजीत कौर से कथाकार रूप सिंह चंदेल की भेंटवार्ता, कवियत्री व कथा लेखिका राजी सेठ से लक्ष्मी कण्णन, डा. मुक्ता और संगीता गुप्ता की अंतरंग बातचीत , उपन्यासकार मृदुला गर्ग की कहानी व शोमा चौधरी से उनकी बेबाक बातचीत, कवियत्री व कथाकार सुनीता जैन की कविताएं , आत्मकथ्य और प्रमोद द्विवेदी की उनसे लंबी बातचीत,मानवीय संबंधों पर आतंकवाद की घिनौनी छाया को दर्शाती कथाकार व कवियत्रीचंद्रकांता की कहानी काली बर्फ और उनसे डा. सविता उपाध्याय की भेंटवार्ता , कथाकार व उपन्यासकार चित्रा मुदगल की लंबी कहानी त्रिशंकु के अलावा उनसे प्रसिद्ध लेखक व समीक्षक ओम निश्चल की बातचीत ,कथाकार ममता कालिया की नई कहानी नज्म और उनसे कथाकार अमरकांत व कवि बद्री नारायण की बातचीत, कथाकार व व्यंग्यकार सूर्यबाला की दो रचनाएं व डा. ज्ञान चतुर्वेदी द्वारा उनसे की गई भेंटवार्ता इस अंक की प्रमुख उपलब्धि हैं। इस अंक की एक अन्य खास उपलब्धि चर्चित कवि व समीक्षक मदन कश्यप द्वारा स्त्री कविता की नई चुनौतियां शीर्षक से लिखा गया वह महत्वपूर्ण आलेख है जिसमें हिन्दी की स्त्री कविता की जमीन को टटोला गया है।
इसी अंक में उडिय़ा लेखिका प्रतिभा रॉय , केरल की हिन्दी विद्वान डा. एस. तंकमणि अम्मा, कथाकार मालती जोशी , संतोष शैलजा,कुसुम अंसल, मैत्रेयी पुष्पा, नासिरा शर्मा, सिम्मी हर्षिता, सुधा अरोड़ा, सरोज वशिष्ठ, अनामिका, मधु कांकरिया, अलका सरावगी, निर्मला पुतुल, अल्पना मिश्र, गीताश्री, सुधा ओम ढींगरा , कात्यायनी, क्षमा कौल और रेखा की रचनाओं व साक्षात्कार के अलावा सरोज परमार, सुमन केशरी, वर्तिका नंदा,पद्मजा शर्मा , वाजदा खान, लीना मल्होत्रा, हरप्रीत कौर, मीनाक्षी जिजीविषा व परमजीत कौर बेदी की कविताएं शामिल हैं।
ऐसा दावा तो नहीं किया जा सकता कि इस अंक में देश के महिला सृजन की माकूल तस्वीर उभरती है। लेकिन विनम्रतापूर्वक इतना जरूर कहा जा सकता है कि पर्वत राग द्वारा महिला लेखन का एक मानचित्र खींचने का प्रयास किया गया है।
इस अंक का संपादन गुरमीत बेदी ने किया है। आर्ट पेपर पर छपे200 पृष्ठ के इस महत्वपूर्ण अंक की कीमत 200 रूपए है। अंक की मुद्रित प्रति मंगवाने के लिए निम्न पते पर संपर्क किया जा सकता है-
गुरमीत बेदी,
संपादक
पर्वत राग
सेट नंबर- 8, टाईप- 4, डीसी कालोनी, ऊना- 174303
हिमाचल प्रदेश
मोबाइलः 94180-33344
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