क्या यह प्यार है…
- जय नारायण त्रिपाठी 'अद्वितीय'
क्या यह प्यार है ?
क्या यह प्यार है ???
अब हर एक क्षण आकुल है,
नेत्र तेरे दर्शन को व्याकुल है
तेरे बिन अब रिक्त रिक्त सा,
लगता यह संसार है 1
क्या यह प्यार है ?
साथ तेरा पाकर, हर
लम्हा रोशन लगता है
तुझसे दूर, अँधेरा लगता,
दीवाली का त्यौहार है 2
क्या यह प्यार है ?
तुझसे बात करूं तो,
खुशहाल रहे पूरा दिन
जब तू फेर दे नज़रे,
लगे पूरा दिन बेकार है 3
क्या यह प्यार है ?
यह नवयौवन के मृदु भावों
की, मीठी एक बयार है
और अब तो रूह भी चाहे,
तुझ को करना अंगीकार है 4
क्या यह प्यार है ?
गर यह आकर्षण ही होता,
आँखों तक ही सीमित रहता
क्यों फिर यह दिल तक
करता, सीधा सीधा वार है 5
क्या यह प्यार है ?
पलक हटाकर नयन हमेशा,
करते तुम्हे तलाश थे
लेकिन अब तो सपनों को भी,
बस तेरा इंतज़ार है 6
क्या यह प्यार है ?
ना रूप, न धन, और
न यौवन ही का आकर्षण
ये दिल तो अब बस
तेरे लिए बेकरार है 7
क्या यह प्यार है ?
तेरा साथ मिले तो, जग
से निर्वासन स्वीकार है
तेरा चिंतन ही प्रियतम
अब जीवन का आधार है 8
हाँ यह प्यार है ...
हाँ यह प्यार है ...
lll
12 comments:
आप की कविता बहुत सुंदर है
हिम्मतलाल कांतिलाल जोशी, चेन्नई
तेरा साथ मिले तो, जग
से निर्वासन स्वीकार है
तेरा चिंतन ही प्रियतम
अब जीवन का आधार है
bahut sundar visit to manoria.blogspot.com
सुंदर रचना है....
आपकी रचना "क्या यह प्यार है"… पर कृपया अपनी अमूल्य प्रितिक्रिया के स्थान पर मैं गिरीश बिल्लोरे प्रतिक्रया देना चाह रहा हूँ |
तेरा साथ मिले तो, जगसे निर्वासन स्वीकार है
तेरा चिंतन ही प्रियतम,अब जीवन का आधार है 8
हाँ यह प्यार है ...हाँ यह प्यार है ...
यहाँ आपकी सूफियाना विचार शैली स्पष्ट होती है
मुझे आपकी कविता की आध्यात्मिकता का पक्ष भा गया
बधाई आभार
waah kya baat hai....bahut sundar rachanaa....
अंत में आपने स्वीकार किया हाँ ये प्यार है, ये किसी के लिए शब्दों से बरसता प्यार ही तो है...
bahut sundar bhav likhe hain.
khas kar yeh panktiyan bahut achi lagi.
Puri kavita bahut hi achchi ban badi hai sivaye in lino ke :
साथ तेरा पाकर, हर
लम्हा रोशन लगता है
तुझसे दूर, अँधेरा लगता,
दीवाली का त्यौहार है
yeha तुझसे दूर, अँधेरा लगता,दीवाली का त्यौहार है jama nahi. Premi ya preyasi se doori kabhi "Dipawali ke teyohar" jaisa manoram to nahi lag sakta.
ये प्यार है...प्यार ही तो है...
bahut khoob...
subhaan allah...
it made me remember the movie
'kya yehi pyar hai'
:-)
simple yet intense !!
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