“भारतीय भाषाओं के माध्यम से डिजिटल साक्षरता को बढ़ना जरूरी है” – डॉ. सी. जय
शंकर बाबु
नराकास, तिरुच्ची की सूचना प्रौद्योगिकी कार्यशाला आयोजित
उद्घाटन
के अवसर पर मंच पर बाएं से डॉ. सी. जय शंकर बाबु (पांडिच्चेरी विश्वविद्यालय के
सहायक आचार्य), श्रीमती मंजुला रंगराजन, मंडल रेल प्रबंधक एवं अध्यक्ष, नराकास,
तिरुच्ची, इंडियन ओवरसीज़ बैंक के मुख्य क्षेत्रीय
प्रबंधक एस. नरसिंहन और केनरा बैंक तिरुच्ची अंचल के उप महाप्रबंधक जी. राजेंद्रन
विराजमान हैं ।
नगर राजभाषा
कार्यान्वयन समिति, तिरुच्चिरापल्ली की ओर से दो दिवसीय सूचना एवं संचार
प्रौद्योगिकी व बहुभाषायी कंप्यूटिंग कार्यशाला का आयोजन तिरुच्ची में जनवरी 21 एवं 22 को किया गया
। कार्यशाला का उद्घाटन तिरुच्ची, नराकास
की अध्यक्ष श्रीमती मंजुला रंगराजन, मंडल रेल प्रबंधक, तिरुच्ची ने दीप प्रज्वलन
के साथ किया । तदवसर पर केनरा बैंक तिरुच्ची अंचल के उप
महाप्रबंधक जी. राजेंद्रन, इंडियन ओवरसीज़ बैंक के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक एस.
नरसिंहन, पांडिच्चेरी विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. सी. जय
शंकर बाबु उपस्थित थे ।
श्रीमती मंजुला रंगराजन ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि राजभाषा
के रूप में हिंदी का कार्यान्वयन करना हमारा दायित्व है । सरकारी पदधारियों को चाहिए कि वे ज़रूरत के
अनुसार अपना कामकाज हिंदी में करने के साथ-साथ आवश्यकतानुसार बोलचाल में भी हिंदी
का प्रयोग करें । कंप्यूटर में कुशलता
हासिल करने के साथ-साथ कंप्यूटर के माध्यम से सफलतापूर्वक राजभाषा प्रयोग के लिए
प्रोत्साहित करने में कंप्यूटर कार्यशालाओं का महत्व है । तदवसर पर अपने वक्तव्य में इंडियन ओवरसीज़ बैंक
के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक एस. नरसिंहन ने विदेशों में अपनी सेवाओं के दौरान वहाँ
हिंदी की भूमिका के संबंध में स्पष्ट करते हुए और हिंदी स्कूली स्तर पर पढ़ने का
मौका न मिलने पर भी बैंक के कारोबार संबंधी कार्यों के दौरान ही हिंदी में
कार्यसाधक ज्ञान की कुशलता हासिल करने का अपना उदाहरण देते हुए उन्होंने
प्रतिभागियों को प्रेरित किया कि हिंदी को अपनाना और राजभाषा हिंदी में काम करना
आसान है । इस दो दिवसीय कार्यशाला में मुख्य
वक्ता एवं प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित पांडिच्चेरी विश्वविद्यालय, हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. सी. जय शंकर
बाबु ने उद्घाटन सत्र में अपने वक्तव्य के दौरान कहा कि आज भारतीय भाषाओं में
डिजिटल साक्षरता को बढ़ाने की बड़ी जरूरत है ।
राजभाषा कार्यान्वयन की सफलता आज सरकारी कर्मियों की डिजिटल साक्षरता एवं
कंप्यूटर पर सुगमतापूर्वक भारतीय भाषाओं को प्रयोग करने की कुशलता पर निर्भर है
। आज सरकारी कामकाज में ई-शासन की बढ़ते
चरणों में कंप्यूटर पर कार्य करने की कुशलता सरकारी कर्मियों को जितनी जरूरत है
उतनी ही उन्हें भारतीय भाषाओं में कंप्यूटिंग की कुशलता भी होनी जरूरी है । इसी उद्देश्य से बहुभाषायी कंप्यूटिंग में
प्रशिक्षण देने और कंप्यूटर पर राजभाषा हिंदी व अन्य भाषाओं में सुगम कंप्यूटिंग कार्य
करने के लिए उपलब्ध संसाधनों की जानकारी देनो और उन पर आवश्यक कुशलता प्रदान करने
के लिए सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी कार्यशाला का आयोजन किया गया है । डॉ. जय शंकर बाबु ने कोयंबत्तूर नगर राजभाषा
कार्यान्वयन समिति के सदस्य-सचिव के रूप में अपने कार्यकाल में राजभाषा साधन
सी.डी. तैयार कर वितरित करने तथा कंप्यूटर कार्यशालाओं के आयोजन का उल्लेख करते
हुए कहा कि कंप्यूटर पर हिंदी में कार्य करने की कुशलता प्रदान करने से राजभाषा
हिंदी के प्रगामी प्रयोग में अभूतपूर्व प्रगति हासिल हुई थी । उन्होंने कहा कि सरकारी परियोजनाओं में ई-शासन
के अंतर्गत कंप्यूटर सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों के निर्माण के समय ही यह ध्यान दिया
जाए कि वे राजभाषा संबंधी संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप भारतीय राजभाषाओं का
उपयोग हेतु भी सक्षम है । अन्यथा भारतीय
भाषाएँ उपक्षित रह जाएंगी और भविष्य में उन सॉफ्टवेयरों को भारतीय भाषाओं के
प्रयोग के लिए अनुकूलन में बड़ी मात्रा में खर्च की आशंका से उपेक्षा की जाएगी
। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र का संचारल
आईओबी के प्रबंधक, राजभाषा पी. राजशेखर ने किया और अतिथियों का स्वगत रेलवे
राजभाषा अधीक्षक श्रीनिवासन ने किया ।
केनरा बैंक की वरिष्ठ प्रबंधक राजभाषा श्रीमती बी. सरस्वती ने धन्यवाद
ज्ञापन प्रस्तुत किया । तिरुच्ची स्थित केनरा
बैंक स्टैफ ट्रैनिंग कालेज के कंप्यूटर प्रयोगशाला में आयोजित इस दो दिवसीय
कार्यशाला में तिरुच्ची शहर के सरकारी कार्यालयों, सरकारी उपक्रमों, स्वायत्त
संगठनों, बैंकों, विद्यालयों के अधिकारी, पदधारी व शिक्षकों ने भागीदारी की ।
दोनों दिन तकनीकी सैदधांतिक एवं प्रयोगिक सत्रों का संचालन पांडिच्चेरी विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने किया ।
ज्ञातव्य है कि डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने वैयक्तिक स्तर पर डिजिटल साक्षारता अभियान में सक्रिय योगदान करते हुए बहुभाषायी कंप्यूटिंग पर विगत डेढ़ दशकों में सत्रह सौ से अधिक कार्यशालाओं का आयोजन कर लाखों प्रतिभागियों को कंप्यूटर पर भारतीय भाषाओं के प्रयोग में सक्षम बनाया है । उद्घाटन सत्र में इस तथ्य का परिचय रेलवे राजभाषा अधीक्षक श्रीनिवासन ने दिया, जिस पर नराकास अध्यक्ष सहित सभी उपस्थित अधिकारियों ने डॉ. बाबू को बधाई दी ।
ज्ञातव्य है कि डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने वैयक्तिक स्तर पर डिजिटल साक्षारता अभियान में सक्रिय योगदान करते हुए बहुभाषायी कंप्यूटिंग पर विगत डेढ़ दशकों में सत्रह सौ से अधिक कार्यशालाओं का आयोजन कर लाखों प्रतिभागियों को कंप्यूटर पर भारतीय भाषाओं के प्रयोग में सक्षम बनाया है । उद्घाटन सत्र में इस तथ्य का परिचय रेलवे राजभाषा अधीक्षक श्रीनिवासन ने दिया, जिस पर नराकास अध्यक्ष सहित सभी उपस्थित अधिकारियों ने डॉ. बाबू को बधाई दी ।
दो दिवसीय सूचना एवं संचार
प्रौद्योगिकी व बहुभाषाई कंप्यूटिंग कार्यशाला के प्रतिभागियों का समूह-चित्र ।
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