कविता
मम्मी बोली उठो
बेटा
- प्रियंका कुमारी, पुदुच्चेरी ।
मम्मी बोली उठो
बेटा,
गृह कार्य बनाना है,
पाठशाला को जाना है,
अच्छे अंक लाना है,
वर्ग में प्रथम आना है,
शल्य चिकित्सक बनना है,
असाध्य रोगों का उन्मूलन
भूमंडल से करना है।
बेटा बोला
प्लीज मम्मी,
आलस
बहुत आता है,
भूख बहुत सताता है,
साथी खूब चिढ़ाता है,
गुरूजी बहुत पढ़ाता है,
समझ
में कुछ नहीं आता है,
जब
भी रिजल्ट निकलता है,
मुझे लड्डू आता है ।
मम्मी बोली अच्छा बेटा,
अब से थोड़ा खाओगे,
आलस को भगाओगे,
फल सब्जी खूब खाओगे,
स्फूर्ती और उल्लास बढ़ाओगे,
साथी का प्यार पाओगे,
गुरूजी का
शाबासी पाओगे,
अच्छे अंक लाओगे,
वर्ग में प्रथम
आकर,
खूब नाम कमाओगे ।
2 comments:
it is one of the best poem i have ever read it highlights the emotion of a mother
Kavitaa prerana daayak hai. Laajawaab sonch. Vyaakaran sudhaarle. All the best
Post a Comment