एहसास
ये आंसू नहीं शबनम है
इन्हें गुलाब के दिल में
छिपाकर रखना ।
ये आंसू नहीं मोती हैं
सीप के सीने में
बसा कर रखना ।
ये पानी नहीं खून है
दिल को ज़िंदा रखने
इसकी हिफ़ाज़त करना ।
ये अल्फाज़ नहीं, गज़ल है
ये मेरे दिल का एहसास हैं
तुम पढ़ों तो मेरा दर्द समझोगी
नहीं तो मज़ाक कर डालोगी ।
बसा कर रखना ।
ये पानी नहीं खून है
दिल को ज़िंदा रखने
इसकी हिफ़ाज़त करना ।
ये अल्फाज़ नहीं, गज़ल है
ये मेरे दिल का एहसास हैं
तुम पढ़ों तो मेरा दर्द समझोगी
नहीं तो मज़ाक कर डालोगी ।
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परिवर्तन
वक्त सब कुछ बदल सकता है
मजहब व जबान को कभी नहीं
जमीं नहीं बदलती
आसमां कभी नहीं बदलते
सागर नहीं, प्रकृति का धर्म कभी नहीं बदलता
रिश्ते-नाते, लोगों के प्यार और यार
आखिर नीयत भी बदलते हैं ।
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डॉ.बशीर/Dr.S.Basheer
प्रबंधक (राजभाषा)/Manager (OL)
हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन/HPCL
चेन्नै/Chennai
1 comment:
युग मानस को बधाई .बहुत अच्छा काम कर रहें हैं आप .जो हमारे लिए विशेष ख़ुशी और तसल्ली ला रहा है .
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