Friday, March 2, 2012

दक्षिण एशियाई देश करें नए मीडिया का निर्माणः कुठियाला




माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति प्रो. बृजकिशोर कुठियाला का कहना है कि दक्षिण एशियाई देशों को अपने स्थानीय हितों के मुताबिक अपने मीडिया का विकास करना चाहिए क्योंकि इससे ही उनकी समस्याओं का वास्तविक समाधान मिल सकता है। वे आज यहां विश्वविद्यालय परिसर में दक्षिण एशियाई देशों से आए कुछ मीडिया प्रशिक्षार्थियों से बातचीत कर रहे थे। ये प्रशिक्षार्थी इन दिनों नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नीकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च में डिजीटल मीडिया पर एक प्रशिक्षण के सिलसिले में भोपाल आए हुए हैं।

प्रो. कुठियाला ने कहा कि विविधता ही प्रकृति का नैसर्गिक मूल्य है, इसलिए किसी भी ताकतवर देश का मीडिया और उसके मूल्य हमारे लिए उपयोगी हों यह जरूरी नहीं है। पश्चिमी देशों का मीडिया एक अलग तरह की विकृति का शिकार है। हमें उससे बचना होगा। इसके लिए दक्षिण एशियाई देश एक वैकल्पिक मीडिया का विकास करने का काम कर सकते हैं जो पश्चिमी की पत्रकारिता का विकल्प तो बने ही, मानवता की सेवा का माध्यम भी बने। हमारे जीवन मूल्य ही विश्व मानवता के सामने उत्पन्न खतरों के समाधान खोज सकते हैं। प्रो. कुठियाला ने कहा कि हमें अपनी शिक्षा का माध्यम अपनी भाषाओं को ही बनाना होगा तभी हम वास्तविक आत्मविश्वास अर्जित कर सकते हैं। अपनी भाषाओं को भुलाकर हम अपनी संस्कृति से भी दूर जा रहे हैं। जबकि दक्षिण एशियाई देशों की सांस्कृतिक भावभूमि बहुत विशिष्ट है इसे पश्चिमी हमलों से बचाने और उसकी महत्ता को बनाने की जरूरत है।

इसके पूर्व प्रशिक्षार्थियों ने विश्वविद्यालय परिसर का भ्रमण किया और जानकारी प्राप्त की। इस मौके पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डा. चंदर सोनाने, न्यू मीडिया विभाग की अध्यक्ष डा. पी. शशिकला, पी.के. निगम मौजूद रहे।

( संजय द्विवेदी)

No comments: