“जियो और जीने दो”
- डॉ. एस. बशीर, चेन्नै ।
“जियो और जीने दो”
कथन से विश्व विख्यात्
क्रांतिकारी महापुरुष श्री महावीर जयंती पर
करें हम स्मरण उनके जीवन का
करें आचरण उनके विचारों का
साधना, तपस्या और अहिंसा के बल पर
सत्य का किया साक्षात्कार भगवान महावीर ने
करें हम सब इसका प्रचार-प्रसार
मानवता के दीप जले हमेशा प्रज्ज्वल
आज जब हिंसा का तांडव नृत्य सर्वत्र व्याप्त है,
क्यों ने करें हम सबको सचेत
“जियो और जीने दो” – महामंत्र को अपनाएं
हिंसा को छोड़ अहिंसा को अपनाएँ
विश्व जन समुदाय को सचेत करें हम-
“जो विश्व को जीता
वह सिकंदर
जो खुद को जीता
वह मस्त खलंदर ।“
महावीर के संदेश को
करें हम आत्मसात ।
बने हम आत्म-संयमी
जग में पनपे ममता-मानवता ।
2 comments:
महावीर का अहिंसा संदेश आज अत्यंत प्रासंगिक है, आपकी इस संदर कविता के लिए बधाई ।
महावीर का अहिंसा संदेश आज अत्यंत प्रासंगिक है, आपकी इस संदर कविता के लिए बधाई ।
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