Tuesday, March 26, 2013

आओ जलाएँ

कविता
 
आओ जलाएँ

- महेंद्रभटनागर

 
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आओ जलाएँ
कलुष-कारनी कामनाएँ !
.
नये पूर्ण मानव  बनें हम,
सकल-हीनता-मुक्त,अनुपम
    आओ जगाएँ
    भुवन-भाविनी भावनाएँ !
.
नहीं हो  परस्पर  विषमता,
फले व्यक्ति-स्वातंत्र्य-प्रियता, 
    आओ मिटाएँ
    दलन-दानवी-दासताएँ !
.
कठिन प्रति चरण हो न जीवन,
सदा हों  न नभ पर  प्रभंजन,
    आओ बहाएँ
    अधम आसुरी आपदाएँ !

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महेंद्रभटनागर

DR. MAHENDRA BHATNAGAR
Retd. Professor

110, BalwantNagar, Gandhi Road,
GWALIOR — 474 002 [M.P.] INDIA
Ph. 0751- 4092908
E-Mail : drmahendra02@gmail.com
Plz. CLICK :http://pustakaalay.blogspot.com/2011/04/0.html

 

1 comment:

Rajendra kumar said...

होली की हार्दिक शुभकामनाएँ!