कविता
नारी
का महत्व
डॉ. डी.जयभारतीसुब्रमणि, चेन्नै
हे नारी तू आसमान का तारा है
हे नारी तू भारत देश की गरिमा है
हे नारी तू सागर की देवी है
हे नारी तू शक्ति का संचार है
हे नारी तू मूर्ति और कीर्ती है
हे नारी तू दुनिया की चाँदनी और दामिनी है
तू
ही छाया है,तू ही धूप है
तू ही माया है, तू ही ममता है
तू देवी, अपार करुणामयी, वरप्रसादनी है
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