बाल कविताएँ ......
" सूरज भैया "
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नित्य सवेरे उठकर कहती,
राजू को उसकी मैया ।
पूरब में देखो तो राजू ,
आये हैं सूरज भैया ।।1।।
लो सूरज की किरण परी भी ,
चहुं दिशा को हरषाई ।
पानी में देखो सूरज की ,
चमक रही है परछाई ।।2।।
" प्यारे वृक्ष "
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प्यारे-प्यारे वृक्ष हमारे ,
सबके मन को भाते हैं ।
शुद्ध हवा देकर ये हमको,
जग की सेवा करते हैं ।।1।।
पास बुला बादल भैया को,
वर्षा खूब कराते हैं ।
शान बढ़ाते हैं धरती की ,
शीतल छाया देते हैं ।।2।।
" मेरा परिवार "
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मेरा छोटा सा परिवार ,
इससे हम करते हैं प्यार ।
मम्मी-पाप, सोनू -भैया ,
करते मुझसे प्यार दुलार ।।1।।
मम्मी-पापा से कहता है ,
मेरा प्यारा भैया सोनू ।
हरपल मोनू मुझे सताती ,
करो फैसला तो मैं जानूँ।।2।।
नहीं तो भाई कह देता हूँ ,
खट्टी कह दूँगा इस बार ।
मेरा छोटा सा परिवार ,
इससे हम करते हैं प्यार ।।3।।
डॉ.प्रमोद सोनवानी " पुष्प "
संपादक- " वनाँचल सृजन "
"श्री फूलेंद्र साहित्य निकेतन"
तमनार/पड़ीगाँव-रायगढ़(छ.ग.)
भारत , पिन:- 496107
ई-मेल :- Pramodpushp10@gmail. com
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