हिन्दी के प्रचार प्रसार में निरन्तर रत एवं सम्प्रति एक इन्टरनेशनल रिसर्च
जर्नल के प्रधान संपादक डॉ. विनय कुमार शर्मा को गत दिनों लखनऊ विश्वविद्यालय के
दीक्षान्त समारोह में विश्वविद्यालय की सर्वोच्च उपाधि डी.लिट्. में उनके
सर्वोत्कृष्ट शोध कार्य के लिए ‘‘स्वर्ण पदक’’ से सम्मानित किया गया। डॉ. शर्मा को
उक्त सम्मान भारत सरकार के मा0 गृह मंत्री श्री
राजनाथ सिंह एवं महामहिम राज्यपाल, उ.प्र. श्री राम नाईक जी के द्वारा प्रदान किया गया।
डॉ. शर्मा के डी.लिट्. के शोध कार्य
का विषय ‘‘हिन्दी का वैश्विक परिदृश्य और पाश्चात्य हिन्दी सेवी संस्थाओं का
योगदान’’ विषय पर था। आपने अपना शोध कार्य हिन्दी के प्रतिष्ठित विद्वान प्रोफेसर
प्रताप नारायण टण्डन के निर्देशन में पूर्ण किया। विश्व मंच पर हिन्दी की स्थिति
पर आपके द्वारा किये गये शोध कार्य से प्रभावित होकर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति
प्रो. एस.बी. निमसे ने आपके शोध कार्य की कुछ महत्वपूर्ण प्रस्तुतियों को विश्वविद्यालय के
हिन्दी विभाग में देश में हिन्दी की प्रख्यात कथाकार मैत्रेयी पुष्पा द्वारा
विभिन्न पट्टिकाओं के साथ उनका अनावरण कराया।
राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी साहित्यिक रचना धर्मिता एवं हिन्दी
पत्रकारिता को नये आयाम देने वाले डॉ. विनय कुमार शर्मा को इससे पूर्व भी कई
प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। डॉ. शर्मा को वर्ष 2012 में हिन्दी के प्रचार प्रसार में उल्लेखनीय
योगदान के लिए उ.प्र. के
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा हिन्दी साहित्य सम्मेलन में ‘हिन्दी प्रतिभा’
सम्मान प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त तमिलनाडु हिन्दी साहित्य अकादमी, चेन्नई, भारतीय हिन्दी परिषद इलाहाबाद एवं अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य
कलामंच द्वारा काठमाण्डू में भी आपको सम्मानित किया जा चुका है।
गौरतलब है कि डॉ. विनय कुमार शर्मा
व्यक्तिशः नहीं बल्कि सपरिवार हिन्दी पत्रकारिता में सशक्त दखल रखते हैं। इनकी
पत्नी डॉ. नीलम शर्मा भी अग्रणी महिला
रचनाकार हैं तथा सम्प्रति आप आकाशवाणी लखनऊ में सीनियर एनाउन्सर के पद पर कार्यरत
हैं। आपने भी अपना शोध कार्य बी.बी.सी. लंदन का हिन्दी के प्रसार में योगदान विषय पर पूर्ण किया है।
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