कविता
- दिव्या एम.पी.
वक़्त हर चीज़ का होता है
अपने वक़्त के लिए इंतज़ार करो
और उस वक़्त के लिए तैयार रहो
अपनी ज़िंदगी को कभी भी
किसी नियति पर मत छोड़ो
ज़िंदगी तुम्हारी है
जीना तुम्हें है
अपनी ज़िंदगी खुद बनाओ
किसी और पर मत छोड़ो
सहारा कोई भी दे सकते
मदद किसी से माँग सकते
लेकिन ज़िंदगी भर....?
नहीं, नहीं मिलेगा ज़िंदगी भर
किसी का भी.... !
8 comments:
ati sundar rachna
mere niji blog par aap sabhi ka swagat hai..
http://iwillrocknow.blogspot.in/
nice lines
welcome to my blog
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