Tuesday, December 29, 2009

कविता


नव वर्ष की शुभकामनाएं

- सुश्री.डी अर्चन, चेन्‍नै

मन से नव दीप जलाओं
अज्ञान अंधकार को दूर भगाओं
नव वर्ष के नव सूरज की प्रभात किरण से
नव हर्ष की चेतना जगाओ
संघर्ष भरे जीवन को
तुम हॅंसते हुए सामना करों
कांटे भरे जीवन राहों पर
फूलों के वृंदावन सजाओं
सब बंदो में खुदा है
खुदा का करिश्‍मा सुनाओं
सब से गुज़ारिश है
हमेशा इनसानियत की मशाल जलाओं
कौमी एकता की मिसाल बताओं
इस नव वर्ष 2010 मेंनव हर्ष से सबका जीवन
उल्‍लास - उत्‍साह - समृद्वि व शांति से बीते ।

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