Thursday, December 3, 2009

श्रद्धांजलि

हमारा सलाम

- श्री मनमोहन करकेरा

राजीव तुम्‍हारे नमन* को हमारा सलाम
सरस्‍वत रचना को शत शत प्रणाम।
शायद हम तुम्‍हें खो गए उस 26/11 की दर्दनाक रात
लेकिन तुम फिर प्रकट हो गए नमन के साथ।
तुम्‍हारा मधुर मुस्‍कान क्‍या हम भूल पाएंगे ?
नहीं! कभी नहीं ! ! हरगि़ज नहीं ! ! !
तुम हर बार हमें याद आओगे।
तुम्‍हारी कविताओं में तुम्‍हारा ओजस्‍वी चेहरा नज़र आता है,
तुम्‍हारे संग बीते यादों को ताज़ा करता है,
आसुओं से दिल व आखों को भिगोता है !
तुम्‍हारी खट्ठी मीठी यादें नही होंगे जुदा
तुम्‍हारी क्रियाशीलता, समर्पण, तेजस्‍वी व्‍यक्तिव हमें याद आएंगे सदा।

किसी ने सही कहा है कि “कलाकार को अच्‍छा नहीं लगता कोई एक चमन”
इस लिए इस मतलबी व झूठी धरती छोड कर बनगयें फरिस्‍ता -ए -अमन ! !
तुम से बडा कलाकार नही देखा हमने, इस ज़माने में।
शान - शोहरत, मुहब्‍बत के पैमाने में
हम ज़माने वाले हर रोज याद करते रहेंगे आप को
दुवा देतें रहेंगे फूलों के अर्पण से आप की पुण्‍यात्‍मा को,
तुम सदा अमर रहो,उस जहां में
स्‍वीकार करे हमारा नमन, इस जहां से।
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*नमन - स्‍वर्गीय राजीव सारस्‍वत का काव्‍य संग्रह

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