Tuesday, December 1, 2009

राजभाषा कार्यान्वयन हमारा दायित्व है - बी.एस.वी. शर्मा



कोयंबत्तूर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समति की अर्द्ध-वार्षिक बैठक एवं हिंदी दिवस समारोह संपन्न



कोयंबत्तूर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की अर्द्ध-वार्षिक बैठक एवं हिंदी दिवस समारोह दि.1 दिसंबर, 2009 को सुसंपन्न हुआ । बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष श्री बी.एस.वी. शर्मा, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने की । बैठक का शुभारंभ श्रीमती ए. चित्रा के प्रार्थना गीत से हुआ । समिति के सदस्य-सचिव एवं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सहायक निदेशक (राजभाषा) डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने सभी अधिकारियों तथा प्रतिनिधियों का स्वागत किया और समिति की गतिविधियों का परिचय दिया ।
समिति के अध्यक्ष श्री बी.एस.वी. शर्मा जी ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि राजभाषा के रूप में हिंदी के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देना हमारा दायित्व है । अपने-अपने विभाग, कार्यालय के मूल कार्यों करने को हम जितना महत्व देते है, राजभाषा कार्यान्वयन को भी उतना ही महत्व दिया जाए । उन्होंने कहा कि कोयंबत्तूर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति अपने उद्देश्यों एवं कार्यों में काफ़ी सक्रिय है एवं राजभाषा कार्यान्वयन की दिशा में सामयिक चेतना के साथ गतिशील है । सरकारी कार्यालयों में हिंदी सीखने के लिए कई अवसर व सुविधाएँ मिलती हैं । इनका लाभ उठाते हुए सबको हिंदी सीखना चाहिए । उन्होंने कुछ प्रेरक उदाहरण देते हुए बताया कि भाषाओं को आसानी से किस तरह सीखी जा सकती हैं और भाषाओं के ज्ञान से कार्यसाधन में कितनी सुविधा होती है । हिंदी फिल्मों के माध्यम से भी हिंदी के प्रति लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है और फिल्मों के नामों और गानों से भी कई हिंदीतर भाषी हिंदी सीख रहे हैं । कार्यालय अध्यक्षों से उन्होंने अनुरोध किया कि वे अपने कार्यालय में हिंदी कार्यान्वयन में उचित नेतृत्व का वहन करें, अच्छी शुरूआत करते हुए अपने स्टॉफ को हिंदी सीखने के अवसर प्रदान करें जिससे उन्हें हिंदी में कार्य करने की अच्छी प्रेरणा भी मिल जाएगी । हिंदी सीखने वालों से हिंदी में काम भी लिया जाए ।
अंत में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की गतिविधियों में सक्रिय सहभागिता के लिए उन्होंने सभी कार्यालय अध्यक्ष के प्रति आभार ज्ञापन किया तथा वार्षिक पुरस्कार विजेता कार्यालयों, नराकास हिंदी माह के अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को बधाई दी ।
सदस्य-सचिव डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने बताया कि हर वर्ष मई तथा अक्तूबर महीनों में संपन्न होनेवाली समिति की अर्द्ध-वार्षिक बैठकों में कार्यालय प्रधानों का उपस्थित होना तथा समीक्षार्थ राजभाषा कार्यान्वयन की अर्द्ध-वार्षिक रिपोर्ट समिति को समय पर प्रस्तुत करना आवश्यक है । राजभाषा नियम, 1976 के नियम 12 के अनुसार कार्यालय में राजभाषा कार्यान्वयन का दायित्व कार्यालय प्रधान का होता है । उन्हें अपने दयित्व को पूरी निष्ठा के साथ निभाने की दिशा में आपसी विचार-विमर्श के लिए एक संयुक्त मंच के रूप में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की विशिष्ट भूमिका रहती है । राजभाषा कार्यान्वयन में आनेवाली कठिनाइयों के संबंध में अपेक्षित मार्गदर्शन भी बैठक में प्राप्त किया जा सकता है । उन्होंने कहा कि कोयंबत्तूर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की विशिष्टता यह है कि सूचना प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हुए समिति द्वारा अद्यतन सूचनाएँ समिति के कार्यालयों को दी जाती हैं । समिति का वेबसाइट भी समय पर अपडेट किया जाता है । बैठक के दिन ही बैठक की पूरी कार्यवाही वेबसाइट में प्रकाशित करनेवाली यह एकमात्र समिति है ।
सदस्य-कार्यालयों के उपयोगार्थ राजभाषा साधन के नाम से सी.डी. बनाकर वितरित किया गया है जिसमें राजभाषा कार्यान्वयन में उपयोगी कई महत्वपूर्ण साधन शामिल किए गए हैं । समिति द्वारा आयोजित सूचना प्रौद्योगिकी कार्यशालाओं द्वारा कंप्यूटरों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा मिला है ।
सदस्य-सचिव ने यह भी जानकारी दी कि हिंदी शिक्षण योजना का लाभ उठाते हुए कार्यालय के स्टॉफ को हिंदी भाषा, टंकण एवं आशुलिपि प्रशिक्षण दिलवाया जाए । नियमित कक्षाओं में किसी करणवश किन्हीं स्टॉफ सदस्यों को शामिल नहीं किया जा सकता तो उन्हें पत्रचार प्रशिक्षण अथवा राजभाषा विभाग के पोर्टल के माध्यम से चलाए जा रहे लीला प्रबोध प्रवीण एवं प्राज्ञ ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के मध्यम से प्रशिक्षण दिलवाया जा सकता है । राजभाषा विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कंप्यूटरों में हिंदी के प्रयोग बढ़ाने पर भी उन्होंने बल दिया और सभी कार्यालय अध्यक्षों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि कंप्यूटर पर प्रयोग में लाए जाने वाले पत्रशीर्ष को अनिवार्यतः द्विभाषी रूप में प्रयोग में लाए जा रहे हैं ।
तदनंतर सदस्य कार्यालयों में राजभाषा कार्यान्वयन की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई । बैठक में चर्चित महत्वपूर्ण मद इस प्रकार हैं –
Ø हिंदी शिक्षण योजना के अगले सत्र में प्रशिक्षणार्थ स्टॉफ को नामित करने के संबंध में चर्चा की गई । हिंदी प्राध्यापक से इस संबंध में पूरी जानकारी दी गई । सदस्य-सचिव ने कहा कि सरकारी आदेशानुसार प्रशिक्षण के लिए शेष पदधारियों में से 20 प्रतिशत पदधारियों को नामित किया जाए और 2015 तक प्रशिक्षण पूरा किया जाए । दिसंबर, 2009 के तीसरे सप्ताह तक प्रशिक्षणार्थ नामित पदधारियों की सूची हिंदी शिक्षण योजना के सर्व-कार्यभारी अधिकारी / नराकास कार्यालय को भेजी जाए । कार्यालय अध्यक्षों से यह भी अनुरोध किया गया कि वे हिंदी भाषा प्रशिक्षण हेतु नामित पदधारियों से यह सुनिश्चित करें कि वे कक्षाओं में नियमित रूप से उपस्थित रहकर, परीक्षा में अनिवार्यतः शामिल होकर प्रशिक्षण सफलता पूरा कर रहे हैं ।
Ø हिंदी टंकण एवं आशुलिपि प्रशिक्षण की सुविधा सुनिश्चित करने हेतु रिक्त सहायक निदेशक (टंकण एवं आशुलिपि) पद तैनाती होने की जानकारी समिति को दी गई और अगले सत्र में पदधारियों को नामित करने का अनुरोध कार्यालय अध्यक्षों से किया गया ।
Ø समिति की ओर से नियमित रूप से कोयंबत्तूर में कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यशालाएँ आयोजित की जाएंगी ।
Ø सभी कार्यालयों में राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 3(3) में निर्धारित 14 प्रकार के दस्तावेज द्विभाषी रूप में जारी करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए ।
Ø राजभाषा विभाग द्वारा वार्षिक कार्यक्रम में ‘ग’ क्षेत्र में पत्राचार के लिए निर्धारित लक्ष्य 55 प्रतिशत हासिल करने हेतु प्रयास किया जाए ।
Ø राजभाषा नियम, 1976 के नियम-11 का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु सभी रबड़ मुहरें तथा कार्यालय के नामपट्ट, सूचना पट्ट आदि नियमानुसार द्विभाषी / त्रिभाषी रूप में बनवाना सुनिश्चित किया जाए ।
Ø राजभाषा विभाग द्वारा वर्ष 2009-10 के लिए जारी वार्षिक कार्यक्रम में निर्धारित सभी लक्ष्य हासिल करने हेतु प्रयास किया जाए ।
Ø समिति की पत्रिका तथा सदस्य-निर्देशिका का प्रकाशन यथाशीघ्र किया जाए । सदस्य-निर्देशिका प्रकाशन में अपेक्षित सूचना एकत्रित करने हेतु समिति का कार्यदल सदस्य-कार्यालयों का दौरा करेगा । निर्देशिक के प्रकाशन के पंद्रह दिन पूर्व मसौदे का प्रकाशन वेबसाइट में किया जाएगा ।
बैठक की कार्यवाही समाप्त होने के बाद हिंदी दिवस समारोह मनाया गया । राजभाषा कार्यान्वयन में श्रेष्ठ कार्य-निष्पादन हेतु वार्षिक पुरस्कारों का वितरण समिति के अध्यक्ष श्री बी.एस.वी. शर्मा एवं अन्य कार्यालय अध्यक्षों के कर कमलों से किया गया । पुरस्कार वितरित करनेवाले कार्यालय अध्यक्षों में श्री एम.आर. वासुदेव, विमानपत्तन निदेशक, जे. कमलनाथन, निदेशक, आकाशवाणी, श्री जी. भास्कर, निदेशक, भारतीय मानक ब्यूरो, श्री जी. मुरलीधरन, महाप्रबंधक, भारत संचार निगम लिमिटेड, डॉ. ना. गोपालकृष्णन, परियोजना समन्वयन (कपास) एवं अध्यक्ष, केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान, श्री डी. कन्नन, कमांडेंट, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, रा. गोपाल कृष्णन, वेयर हाऊस प्रबंधक, श्री वी.के. सिन्हा, शाखा प्रबंधक, भारतीय कपास निगम लिमिटेड, श्री सी.एन. रवींद्रनाथ, संयुक्त निदेशक, श्री क्यू. मोहियुद्दीन, प्रबंधक, भारत सरकार मुद्रणालय, श्री जी.के.के.वी. उमाशंकर, वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड, श्री पी.एस. चंदन, शाखा प्रबधक, हडको, श्री एम. सेल्वराज, स्टेशन प्रबंधक, एयर इंडिया, श्री के. नल्लप्पन, प्राचार्य, केंद्रीय विद्यालय, डॉ. एम. राजेश्वरी, प्रधानाचार्या, केंद्रीय विद्यालय, सूलूर, श्री सुदर्शन मलिक, मुख्य प्रबंधक, राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम लिमिटेड, श्री एम.एम. चोक्कलिंगम, मुख्य महाप्रबंधक (तकनीकी), नेशनल टेक्सटाइल कार्पोरेशन लिमिटेड, श्री पी. दुरैसामी, अधीक्षक, डाक भंडार डिपो, श्री पी. राजगोपालन, कंपनी पंजीयक, श्री जी. गुरुनाथन, वरिष्ठ डाकघर अधीक्षक, श्री एम.एम. रामलिंगम, वरिष्ठ क्षेत्र अधिकारी, श्री एम.के. गोगोई, शाखा प्रबंधक, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड, श्रीमती के. उषा, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, गन्ना प्रजनन संस्थान आदि शामिल हैं ।
सरकारी कार्यालय वर्ग में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन एवं कर्मचारी राज्य बीमा निगम को विशिष्ट पुरस्कार, केंद्रीय विद्यालय, सूलूर को प्रथम पुरस्कार, एस एंड टी कर्मशाला को द्वितीय पुरस्कार तथा केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान को तृतीय पुरस्कार प्रदान किए गए ।
इनके अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, केंद्रीय विद्यालय, कंपनी पंजीयक का कार्यालय, आयकर कार्यालय, गन्ना प्रजनन संस्थान, केंद्रीय श्रमिक शिक्षा बोर्ड और संयुक्त महानिदेशक विदेश व्यापार कार्यालय को शंसा पत्र प्रदान किए गए ।
सरकारी उपक्रम वर्ग के अंतर्गत नेशनल टेक्सटाईल कार्पोरेशन लिमिटेड एवं भारतीय कपास निगम लिमिटेड को विशिष्ट पुरस्कार, भारत संचार निगम लिमिटेड को प्रथम पुरस्कार, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को द्वितीय पुरस्कार तथा भारतीय खाद्य निगम को तृतीय पुरस्कार प्रदान किए गए ।
इनके अलावा राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम लिमिटेड, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड, क्षेत्रीय कार्यालय, युनाइटेड इंडिया एश्योरेंस कं.लि., स्पैसेस बोर्ड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड के इरुगूर इंस्टलेशन को शंसा पत्र प्रदान किए गए ।
श्रेष्ठ राजभाषा पत्रिकाओं के लिए दिए जाने वाले वार्षिक पुरस्कारों के अंतर्गत सरकारी कार्यालय वर्ग में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा प्रकाशित कोंगु निधि को प्रथम पुरस्कार, आयकर कार्यालय द्वारा प्रकाशित आयकर प्रसून को द्वितीय पुरस्कार, केंद्रीय विद्यालय, सूलूर द्वारा प्रकाशित विद्यालय पत्रिका के लिए तृतीय पुरस्कार तथा सरकारी उपक्रम वर्ग में भारत संचार निगम लिमिटेड द्वारा प्रकाशित अमृतवाणी को प्रथम पुरस्कार एवं युनाइटेड इंडिया इंश्यूरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रकाशित सिरुवाणी को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किए गए ।
बैठक में विमानपत्तन निदेशक श्री वासुदेव, राष्ट्रीय हथकरघा निगम के वरिष्ठ प्रबंधक श्री मलिक, स्पैसेस बोर्ड के प्रधान श्री रामलिंगम, नेशनल टेक्सटाइल कार्पोरेशन लिमिटेड को मुख्य महाप्रबंधक श्री एम. चोक्कलिंगम, सहायक प्रबंधक (राजभाषा) श्री यू,एन. त्रिपाठी, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक श्री उमाशंकर, गन्ना प्रजनन संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. चंद्रगुप्ता आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए ।
समिति के द्वारा आयोजित हिंदी सप्ताह के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी पुरस्कारों का वितरण किया गया । अंत में सदस्य-सचिव डॉ. सी. जय शंकर बाबु द्वारा धन्यवाद ज्ञापन एवं राष्ट्रगान के साथ ही बैठक सुसंपन्न हुई।

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