Thursday, February 28, 2013

श्रद्धांजली

 
स्व. सी. नारायणम्मा
आप हमसे भौतिक रूप से दूर होकर आज एक वर्ष पूरा हो रहा है.. मगर आपकी आत्मीय स्मृतियाँ हमें हमेशा बड़े संबल के रूप में साथ दे रही हैं...

विगत वर्ष आज के दिन मेरी माताश्री के आकस्मिक निधन पर सूचना प्राप्त सभी मित्रों ने दूरभाषा पर, ई-मेल के माध्यम से तथा एस.एम.एस. आदि के माध्यम से समवेदनाएँ प्रकट कर दुःखद क्षणों में मेरा मनोबल बढ़ाया था.. मैं उन सब आत्मीय हितैषियों के प्रति परम आभारी हूँ ... कुछ एस.एम.एस. यहाँ शामिल किए जा रहे हैं...

                                                                                                                            - डॉ. सी. जय शंकर बाबु

श्री गुरुमूर्ति, दक्षिण रेलवे, चेन्नै/ Sri Gurumurti, S.Rly, Chennai
Very sad to learn that you have lost your mother .. My condolences.

डॉ. उप्पलधडियम वेंकटेश्वर, चेन्नै / Dr. U. Venkateswara, Chennai
Sir sorry to know the sad demise of ur mother, may god give u the strength to bear the loss.

डॉ. भगवती प्रसाद निदारिया, नई दिल्ली / Dr. Bhagawati Prasad Nidariya, New Delhi
जानकर दुःक हुआ ।  मेरी समवेदनाएँ आपके साथ हैं..

तुलसीकांत, चेन्नै/Thulasi Kanth, Chennai
I am very sorry anna.  I am feeling a lot that am unable to see her at last!  I pray lord to keep her soul in peace.

जयप्रकाश मानस, रायपुर/Jaipraksh Manas, Raipur
बड़े दुःख की बात है ।  ईश्वर उन्हें शांति प्रदान करें ।

Swarna Jyothi, Puducherry/स्वर्ण ज्योति, पुदुच्चेरी
मुझे खेद है ।  भगवान उनकी आत्मा को शांति दे और आप सबको सहने की शक्ति दे ।  यही प्रार्थना है ।

सुरेंद्रन, पुदुच्चेरी / Surendran, Puducherry
Very sorry to hear d sad news.  My heart felt condolence.  May her soul rest in peace.

नवीन कनौजिया, मैसूर / Naveen Kanaujia, Mysore
Extremely sorry to hear the sad news, my condolence, may almighty give u the courage and strength to face this loss of ur beloved mother.

डॉ. सलीम बैग, दिंडिक्कल/Dr. Salim Baig, Dindigul
बहुत दुःख हुआ ।  ईश्वर आपकी माताजी की आत्मा को शांति प्रदान करें ।

ईश्वर करुण, चेन्नई / Ishwar Karun, Chennai
How sad !  My hearty condolance. take care.

एक अज्ञात हितैषी
बहुत दुःख की बात है ।  लेकिन क्या करें ।  आपकी माताजी की आत्मी की शांति के लिए हम प्रार्थना करेंगे ।

डॉ. लक्ष्मी अय्यर, चेन्नई / Dr. Lakshmi Aiyar, Chennai
सुनकर बहुत दुःख हुई है ।  My deep condolence to you.  क्योंकि माँ जैसी दुनिया में कोई रिश्ता नहीं ।

सदाविजय आर्य, औराद शहाजनी / Sadavijay Arya, Aurad Sahajani
हमारी हार्दिक श्रद्दांजली ।  इस शोक में हम आपके साथ हैं  ।  प्रभु उनकी आत्मा को सद्गति दें,   यही प्रार्थना है ।

डॉ. पद्माप्रिया, पुदुच्चेरी / Dr. Padmapriya, Puducherry
It is extremely painful news, may her sour rest in peace.

Wednesday, February 27, 2013

युग मानस YUG MANAS: श्रद्धांजली

युग मानस YUG MANAS: श्रद्धांजली

7 वां अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन कंबोडिया में

7 वां अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन कंबोडिया में
 
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी और हिंदी-संस्कृति को प्रतिष्ठित करने के लिए संस्था व साहित्यिक वेब पत्रिका सृजनगाथा डॉट कॉम द्वारा, किये जा रहे प्रयास और पहल के अनुक्रम में रायपुर, बैंकाक, मारीशस, पटाया, ताशकंद (उज्बेकिस्तान), संयुक्त अरब अमीरात में छह-छह अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलनों के सफलतापूर्वक आयोजन के पश्चात अब 14 जून से 24 जून, 2013 तक कंबोडिया, वियतनाम, थाईलैंड में 10 दिवसीय 7 वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन का आयोजन  किया जा रहा  है । सम्मेलन में हिंदी के चयनित/आधिकारिक विद्वान, अध्यापक, लेखक, भाषाविद्, शोधार्थी, संपादक, पत्रकार, रंगकर्मी, चित्रकार, बुद्धिजीवी, टेक्नोक्रेट, एवं हिंदी सेवी संस्थाओं के सदस्य, हिन्दी-प्रचारक, हिंदी ब्लागर्स भाग लेंगे । मुख्य आयोजन कंबोडिया की राजधानी नामपेन्ह में किया जायेगा। सम्मेलन में चार सत्र रखे गये हैं । मुख्य संगोष्ठी का विषय भूमंडलीकरण और हिंदी रखा गया है । अंतरराष्ट्रीय रचना पाठ के सत्र में चुनिंदो कवि, गीतकार, लघुकथाकार अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे । आयोजन में विविध विषयों पर प्रकाशित किताबों का विमोचन होगा । इसके अलावा बॉलीवुड, मुंबई के प्रख्यात संगीतकार कल्याण सेन द्वारा दुष्यंत कुमार की ग़ज़लों पर आधारित शास्त्रीय कार्यक्रम  दरख्तों के साये में धूप  तथा जयपुर की चर्चित कत्थक कोरियोग्राफर चित्रा जांगिड, जयपुर द्वारा कत्थक नृत्य पेश किया जायेगा । उक्त अवसर पर चयनित कंबोडियन और भारतीय लेखकों को सृजनगाथा डॉट कॉम से सम्मानित किया जायेगा । सम्मेलन के प्रतिभागियों को वियतनाम, कंबोडिया तथा थाईलैंड में युनेस्को द्वारा संरक्षित ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थलों के पर्यटन की व्यवस्था भी की गई है ।
इच्छुक रचनाकार सहभागिता के लिए 30 मार्च 2013 के पूर्व जयप्रकाश मानस, संयोजक एफ-3, छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल, आवासीय परिसर, पेंशनवाड़ा, रायपुर, छत्तीसगढ 492001, ईमेल-srijangatha@gmail.com से संपर्क करके अपना पंजीयन कर सकते हैं ।

Thursday, February 21, 2013

कवि महेंद्रभटनागर का वैशिष्ट्य


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 — डॉ. वशिष्ठअनूप
  विद्यार्थी जीवन से ही महेंद्रभटनागर की कविताओं का पाठक रहा हूँ। उन्होंने कविता सहित साहित्य की अन्य विधाओं में भी उल्लेखनीय व स्मरणीय लेखन किया है। एक जीवन में इतना स्तरीय और विपुल लेखन किसी भी रचनाकार के लिए आदर्श और स्पृहा का विषय हो सकता है। महेंद्रभटनागर के साहित्य पर जो शोध-कार्य हुए हैं और जो आलोचना-पुस्तकें लिखी गयी हैं वे उनके महत्त्व की जीवन्त साक्षी हैं।
    महेंद्रभटनागर की कविताओं में जो जीवन्तता और जिजीविषा का उद्दाम स्वर है; वह प्रभावित करता है। इस तरह की अनेक कविताएँ हैं जो हमारा ध्यान आकृष्ट करती हैं। जैसे —
  रुकावट हटाते हुए हम चलेंगे
  अँधेरा मिटाते हुए हम चलेंगे!
    X              X                  X
    सजग रह सतत आज बढ़ते रहेंगे
    इमारत नयी एक गढ़ते रहेंगे!
    हमें यह पता है —
    जवानी मनुज की कभी लड़खड़ाती नहीं है!
   
    ठिठक कर रहेंगी विरोधी हवाएँ,
    फिसल कर गिरेंगी सभी आपदाएँ,
    हमें यह पता है —
    कि हिम्मत की साँसें कभी व्यर्थ जाती नहीं हैं!
   
    इसी प्रकार, ‘आदमी और स्वप्न’ की ये पंक्तियाँ भी अत्यन्त प्रेरक लगती हैं —
    आदमी का प्यार सपनों से सनातन है!
    मृत्यु के सामने वह
    मग्न होकर देखता है स्वप्न,
    सपने देखना —
    मानो जीवन की निशानी है,
    यम के पराजय की कहानी है!
    कवि का यह स्वप्नदर्शी मन निरन्तर आशाओं-आकांक्षाओं से भरा है, उसकी सहानुभूति और पक्षधरता शोषित, वंचित, उपेक्षित और पीड़ित व्यक्ति के न केवल साथ है; उसके दुखों के कारणों की भी बड़ी शिद्दत से तलाश करती है —
    फूल जो मुरझा रहे 
    जग-वल्लरी पर
    अधखिले 
    कारण उसी का खोजता हूँ!
   
    इस तरह की पंक्तियाँ बहुत सारगभित हैं।
    भाग्य से अथवा जगत से
    हर प्रताड़ित व्यक्ति को
    आजन्म संचित स्नेह मेरा है समर्पित!
    जैसी पंक्तियाँ भी उसी भाव की हैं।
   
    महेंद्रभटनागर की कविताओं में प्रेम, सौन्दर्य और प्रकृति की विविध छवियाँ तो हैं ही, उनमें जो संघर्ष-धर्मी चेतना और विद्रोही तेवर हैं, वे भी जन-स्वभाव के क़रीब हैं और वे आज के इस तनाव, कुण्ठा और हताशा भरे समय में, विचारधाराओं के अंत की घोषणाओं के समय में अधिक प्रासंगिक भी हैं। उदाहरण के लिए —
    ओ भवितव्य के अश्वो!
    तुम्हारी रास 
    हम आश्वस्त अंतर से सधे
    मज़बूत हाथों से दबा
    हर बार मोड़ेंगे! 
    वर्चस्वी धरा के पुत्र हम
    दुर्धर्ष, श्रम के बन्धु हम
    तारुण्य के अविचल उपासक
    हम तुम्हारी रास 
    ओ भवितव्य के अश्वो!
    सुनो, हर बार मोड़ेंगे!’
    अथवा —
    उट्ठो, करोड़ों मेहनतकश नौजवानो! 
    विश्व का नक़्शा बदलने के लिए ...!
   
    महेंद्रभटनागर की इस तरह की कविताएँ अपनी लयात्मकता के कारण भी  स्मरणीय हैं।
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प्रोफ़ेसर हिन्दी-विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी — 221005 (उ. प्र.)



कवि महेंद्रभटनागर का वैशिष्ट्य

Wednesday, February 20, 2013

राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में 14, 15 मार्च को राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में 14, 15 मार्च को राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन


Thursday, February 14, 2013

छात्रों को दिलीप भाटिया जी की चिट्टी


AN OPEN LETTER FOR STUDENTS AND ALSO FOR CANDIDATES OF COMPETITIVE EXAMINATIONS 
AIMING FOR QUALITY CAREER

DILEEP BHATIA
DEAR STUDENT/CANDIDATE,

                     I AM RECEIVING MANY CALLS, MAILS, MESSAGES AND LETTERS FROM MANY OF YOU. THOUGH MY BOOKLETS, SAMAY, JEEVAN AND CAREER ARE SUFFICIENT TO ANSWER ALL QUESTIONS, BUT, STILL YOU ASK ME MANY QUESTIONS. THIS OPEN LETTER WILL ANSWER MOST OF THEM.

                     IF YOU HAVE NOT READ MY THESE THREE BOOKS, JUST, SEND ME YOUR E MAIL ID TO GET SOFT COPY IN YOUR INBOX.
                    IF, YOU ARE IN RAWATBHATA OR IN NEARBY PLACE, COME PERSONALLY. FACE TO FACE DISCUSSIONS WILL BE MOST USEFUL.

                     TOP UP YOUR MOBILE WITH SUFFICIENT BALANCE AND TALK TO ME REGARDING YOUR SPECIFIC PROBLEM.

                     FOR EVERY EXAMINATION, SIMPLE RULE IS TO STUDY COMPLETE SYLLABUS WITH QUALITY BOOKS. NO SHORT CUT. LOW QUALITY COACHING SHOPS WILL NOT BE USEFUL, JUST WASTING MONEY, TIME AND ENERGY.

                 DEACTIVATE CONNECTION WITH SOCIAL NETWORK SITES. ONE E MAIL ACCOUNT IS SUFFICIENT. DURING STUDY HOURS, SWITCH OFF MOBILES. DO NOT FORWARD JOKES ETC. ON MOBILE. EVEN, NOBODY NEEDS YOUR MOTIVATIONAL MESSAGES. SAVE TIME FROM THESE ACTIVITIES AND INVEST THIS SAVED TIME FOR STUDIES.

                 EARLY MORNING HOURS ARE MOST USEFUL TIME FOR STUDIES. ON SUNDAY, GET UP AT 5 A.M. AND STUDY FOR FOUR HOURS TILL 9 A.M. AND YOU WILL YOURSELF KNOW IMPORTANCE OF MORNING HOURS.

                 KEEP NOTE BOOK AND PEN DURING STUDIES AND PREPARE WRITTEN NOTES. ONLY READING WILL NOT HELP. WRITE AS MUCH AS YOU CAN. IN EXAMINATION ALSO, YOU WILL BE REQUIRED TO WRITE FOR TWO TO THREE HOURS WITHOUT BREAK. HENCE, PRACTICE WRITING BY PREPARING NOTES.

                 TAKE HELP FROM EXPERTS FOR DIFFICULT AREAS. BUT, DO NOT NEGLECT. 100 % COURSE WILL BE USEFUL FOR SUCCESS.

                 SOLVE MODEL PAPERS AT HOME IN TIME LIMITS. YOU WILL COME TO KNOW YOUR WEAK AREAS, SOLVE AS MANY PAPERS AS YOU CAN.

                 NO TENSION. IF YOU ARE IN TENSION, JUST TALK TO ME FOR 5 MINUTES AND YOU WILL BE RELAXED.

                 READ AND FOLLOW MY 3 BOOKS. YOU WILL SURELY GET SUCCESS. FOR SPECIFIC PROBLEM, TALK TO ME.

                  INFORM GOOD NEWS OF YOUR SUCCESS.
                   MEET, CALL, WRITE WITHOUT HESITATION.
                    LOTS OF AFFECTION FROM DILEEP UNCLE.

                                                                          ALWAYS AVAILABLE FOR YOU,
MOBILE 0 9461591498   dileepkailash@gmail.com  DILEEP RAWATBHATA
                                                                                  
यह निश्चय ही बड़ी निष्ठा एवं साहसपूर्ण घोषणा है कि दिलीप भाटिया जी छात्रों की सेवा में उन्हें परामर्श देने के लिए सभी समयों पर उपलब्ध रहेंगे । दिलीप भाटिया जी की यह सेवा निश्चय ही अभिनंदनीय है । - सं.