अनुवाद,प्रौद्योगिकी और बहुभाषी प्रसंग में वैश्वीकरण पर 3सरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित
अनुवाद,प्रौद्योगिकी और बहुभाषी प्रसंग में वैश्वीकरण पर 3सरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित
भारतीय अनुवादक संघ और linguaindia के संयुक्त तत्वाधान में पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी और इंस्टिट्यूटो सर्वेंटेस के साथ निकट सहयोग में आयोजित अनुवाद, प्रौद्योगिकी और बहुभाषी प्रसंग में वैश्वीकरण पर 3सरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन , 23-26जून, 2012, भारत में स्पेन के दूतावास के आधिकारिक सांस्कृतिक केन्द्र, इंस्टीट्युटो सर्वेंटेज नई दिल्ली, में भारत के अनुवादकों और दुभाषिया समुदाय के लिए नए मानक बनाते हुए. 26 जून, 2012 को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
संघ के अध्यक्ष रवि कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि सम्मेलन का उद्घाटन सत्र में इंस्टीट्युटो सर्वेंटेज द्वारा आयोजित स्पेनिश दिवस समारोह का हिस्सा बना, 23 जून, 2012 | 200 से अधिक भाषा पेशेवरों, शिक्षाविदों, और दुनिया भर से अनुवादकों की उपस्थिति में, महामहिम, कोलंबि या के राजदूत, श्री जुआन अल्फ्रेडो पिंटो सावेद्रा ने मुख्य अतिथि के रूप में, मेजबान इंस्टीट्यूटो सर्वेंटेज के निदेशक डॉ. ऑस्कर पुजोल, डॉ. रजनीश अरोड़ा, वाइस चांसलर, कल यूनिवर्सिटी की प्रतिनिधि डा. प्रभजोत कौर, डा. ब्रज किशोर कुठियाला, कुलपति, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, डा. जेन्सी जेम्स, कुलपति, केन्द्रीय विश्वविद्यालय, केरल, श्री अतुल कोठारी, राष्ट्रीय सचिव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, श्री रवि कुमार, संस्थापक अध्यक्ष, भारतीय अनुवादक एसोसिएशन मंचासीन हुए | दीप प्रज्व्वलित के साथ सभी की उपस्थिति में उद्घाटन किया।
सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान जबकि सभी गणमान्य व्यक्तियों ने देश की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में अनुवाद के महत्व पर बल दिया, पंजाब टैक्निकल यूनिवर्सिटी की डा. प्रभजोत कौर ने इस अवसर पर पंजाब टैक्निकल यूनिवर्सिटी के मोहाली परिसर में तकनीकी अनुवाद और भाषांतरण में B.Sc तथा पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा के शुभारंभ की औपचारिक रूप से घोषणा की।
भारतीय अनुवादक एसोसिएशन के लिए भी यह गर्व का क्षण था जब श्री रवि कुमार द्वारा संपादित पुस्तक "राष्ट्र निर्माण में अनुवाद की भूमिका" को डॉ. ऑस्कर पुजोल द्वारा लोकार्पण किया गया। विचारोत्तेजक सामग्री के लिए पुस्तक ने भारी प्रशंसा प्राप्त की है और इसका उपयोग भारत में अनुवाद अध्ययन के लिए पाठ्य पुस्तक के रूप में किया जा सकता है।
इस अवसर पर मुख्य वक्ताओं के रूप में डा. मूसा न्योंग्वा, कनाडा, श्री पुरनेंद्र किशोर, भारत और डॉ. मनीरत सवासदिवात ने, क्रमशः कनाडा के अनुवाद उद्योग,अनुवाद- 2022 तक भारत को एक कौशल महाशक्ति बनाने वाला मुख्य संबल और अनुवाद उद्योग के एशियाई एसोसिएशन के गठन पर प्रकाश डाला।
23 जून से 26 जून, 2012 लगातार 04 दिन तक 100 से अधिक विशेषज्ञों ने अपने पत्र प्रस्तुत किए तथा वैश्वीकरण, अंतर्राष्ट्री यकरण, स्थानीयकरण और अनुवाद (GILT), अनुवाद भाषाओं, संचार और जनसंपर्क माध्यमों के चैनलों के प्रति सरकार की नीतियों; अनुवाद एवं भाषांतरण में शिक्षण और प्रशिक्षण; अनुवाद के प्रति सैद्धांतिक दृष्टिकोण, अनुवाद में अध्यापन चुनौतियों, विशेषज्ञतायुक्त पाठ (वैज्ञानिक, तकनीकी, चिकित्सा आदि), अनुवाद में गुणवत्ता मानकों, शब्दावली प्रबंधन और अनुवाद में परियोजना प्रबंधन; प्रकाशन उद्योग और अनुवाद; अनुवाद में मशीन और स्मृति उपकरणों;अनुवाद में प्रौद्योगिकी और नवीनता आदि सहित विभिन्न विषयों पर अपने दृष्टिकोण साझा किए।
सम्मेलन के समापन के दिन, सम्मेलन संयोजक और भारतीय अनुवादक एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री रवि कुमार द्वारा परियोजना प्रबंधन और अनुवाद में प्रौद्योगिकी एकीकरण पर एक समर्पित कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में 150 से अधिक अनुवादकों और शिक्षाविदों ने भाग लेकर परियोजना प्रबंधन, गुणवत्ता नियंत्रण और अनुवाद सेवाओं और ग्राहकों की संतुष्टि की प्राप्ति में तकनीकी एकीकरण की मूल बातें सीखीं।
सम्मेलन के सभी सहभागी सदस्य इस आम सहमति पर पहुँचे कि अनुवादकों को व्यावसायिक प्रस्थिति प्रदान करने और अनुवाद अध्ययन के लिए पाठ्यक्रम मॉड्यूल तैयार करने के लिए कदम उठाने की तत्काल आवश्यकता है ताकि शिक्षाविदों और उद्योग के बीच की खाई को भरा जा सके।
हैदराबाद
श्रीमती संपत देवी मुरारका
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