कविता
संघम् शरणम् गच्छामि
- श्यामल सुमन
आयी इक नयी बयार संघम् शरणम् गच्छामि
चुन ली हमने सरकार संघम् शरणम् गच्छामि
पहले जो शासक आए हालात बदल ना पाए
क्या होगा अभी सुधार संघम् शरणम् गच्छामि
आँखों में आँसू भरते और अच्छी बातें करते
क्या बदलेगा व्यवहार संघम् शरणम् गच्छामि
रोटी की जिन्हें जरूरत वे देंगे देख मुहुरत
क्या भूखे से व्यापार संघम् शरणम् गच्छामि
शासक जो अबतक भागे क्या होता देखो आगे
क्या बने सुमन लाचार संघम् शरणम् गच्छामि
चुन ली हमने सरकार संघम् शरणम् गच्छामि
पहले जो शासक आए हालात बदल ना पाए
क्या होगा अभी सुधार संघम् शरणम् गच्छामि
आँखों में आँसू भरते और अच्छी बातें करते
क्या बदलेगा व्यवहार संघम् शरणम् गच्छामि
रोटी की जिन्हें जरूरत वे देंगे देख मुहुरत
क्या भूखे से व्यापार संघम् शरणम् गच्छामि
शासक जो अबतक भागे क्या होता देखो आगे
क्या बने सुमन लाचार संघम् शरणम् गच्छामि
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