इक्कीसवीं सदी के महानायक
-डी . जयभारती, हिन्दी अनुवादक, चेन्नै
वर्तमान की बुनियाद मज़बूत
होती
भविष्य का जीवन सुगम होता
हम सभी एक साथ कदम मिलकर
इक्कीसवीं सदी में आगे बढ़ें
तो
मजबूत स्वर्ण भारत का निर्माण
होगा
सब हाथ से हाथ मिलाकर
धीरे धीरे प्रगति के मार्ग पर
आगे बढ़ें तो
जरूर विकास करेंगे
बुलंदियां हासिल करेंगे
धीरज धरे तो
हर काम आसान होगा
मिल जुल कर हम
ऐसे सम्मिलित कार्य करें तो
नव स्वर्ण भारत का निर्माण
होगा
जो कार्यशील एवं दूरदर्शी और
नायक हो
जो शांत, कल्पनाशील एवं धीरज
हो
मशाल बन करोडों लोगों के
जीवन को प्रदीप्त करता है
वही 21वीं सदी के महानायक
स्वर्गीय राजीव गाँधी है ।
2 comments:
और भी मन लगाकर सारस्वत रचनाये करे कविता मे व्यक्त भावना ऊर्जा पूर्ण है
aapke is blog mein prakaasheet yah rachna bahut sundar hai, aisi aapse apeksha hai ki aap isi tarah ki rachnaon ka sampaadan karte rahenge
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