Friday, October 28, 2011
साहित्यपुर का संत-- श्रीलाल शुक्ल (श्रद्धांजलि)
महेंद्र भटनागर जी कविताएँ फ्रेंच में अनूदित
सुख्यात कवि एवं युग मानस के पाठक के सुपरिचित लेखक डॉ. महेंद्र भटनागर जी की कविताएँ कई भारतीय भाषाओं के अलावा फ्रेंच में भी अनूदित हुई हैं । उनकी फ्रेंच में प्रकाशित कविताएँ आप ऑनलाइन में भी पढ़ सकते हैं । लिंक यहाँ दिया जा रहा है । युग मानस के पाठकों से अनुरोध है कि वे डॉ. भटनागर जी की रचनाएँ पढ़कर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें ।
[‘ A Modern Indian Poet Dr. Mahendra Bhatnagar — UN POÈTE INDIEN ET MODERNE’]
Plz. Click the following LINK:
http://content.yudu.com/Library/A1raa8/POEMSMAHENDRABHATNAG/resources/index.htm
‘Poet Mahendra Bhatnagar : His Mind And Art’
Plz. Click the following LINK :
http://content.yudu.com/Library/A1r9wg/CRITICISM/resources/index.htm
Wednesday, October 26, 2011
श्री महालक्ष्यमष्टक स्तोत्र
Tuesday, October 25, 2011
शरद पवार को गुस्सा क्यों आता है
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार को अपने प्रधानमंत्री पर सार्वजनिक रूप से हमला बोलना चाहिए या नहीं यह एक बहस का विषय है। किंतु पवार ने जो कहा उसे आज देश भी स्वीकार रहा है। एक मुखिया के नाते मनमोहन सिंह की कमजोरियों पर अगर गठबंधन के नेता सवाल उठा रहे हैं तो कांग्रेस को अपने गिरेबान में जरूर झांकना चाहिए। गठबंधन सरकारों के प्रयोग के दौर में कांग्रेस ने मजबूरी में गठबंधन तो किए हैं किंतु वह इन रिश्तों को लेकर बहुत सहज नहीं रही है। वह आज भी अपनी उसी टेक पर कायम है कि उसे अपने दम पर सरकार बनानी है, जबकि देश की राजनीतिक स्थितियां बहुत बदल चुकी हैं। देश पर लंबे समय तक राज करने का अहंकार और स्वर्णिम इतिहास कांग्रेस को बार-बार उन्हीं वीथिकाओं में ले जाता है, जहां से देश की राजनीति बहुत आगे निकल आई है। फिर मनमोहन सिंह कांग्रेस के स्वाभाविक नेता नहीं हैं। वे सोनिया गांधी के द्वारा मनोनीत प्रधानमंत्री हैं, ऐसे में निर्णायक सवालों पर भी उनकी बहुत नहीं चलती और वे तमाम मुद्दों पर 10-जनपथ के मुखापेक्षी हैं। सही मायने में वे सरकार को नेतृत्व नहीं दे रहे हैं, बस चला रहे हैं। उनकी नेतृत्वहीनता देश और गठबंधन दोनों पर भारी पड़ रही है। देश जिस तरह के सवालों से जूझ रहा है उनमें उनकी सादगी, सज्जनता और ईमानदारी तीनों भारी पड़ रहे हैं। उनकी ईमानदारी के हाल यह हैं कि देश भ्रष्टाचार के रिकार्ड बना रहा है और अर्थशास्त्री होने का खामियाजा यह कि महंगाई अपने चरम पर है। सही मायने में इस दौर में उनकी ईमानदारी और अर्थशास्त्र दोनों औंधे मुंह पड़े हैं। अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राजग ने गठबंधन का जो सफल प्रयोग किया, उसे अपनाना कांग्रेस की मजबूरी है। किंतु समय आने पर अपने सहयोगियों के साथ न खड़े होना भी उसकी फितरत है। इस अतिआत्मविश्वास का फल उसे बिहार जैसे राज्य में उठाना भी पड़ा जहां राहुल गांधी के व्यापक कैंपेन के बावजूद उसे बड़ी विफलता मिली। देखें तो शरद पवार, ममता बनर्जी सरीखे सहयोगी कभी कांग्रेस का हिस्सा ही रहे। किंतु कांग्रेस की अपने सहयोगियों की तरफ देखने की दृष्टि बहुत सकारात्मक नहीं है। लालूप्रसाद यादव, रामविलास पासवान, मुलायम सिंह यादव, मायावती सभी तो दिल्ली की सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे हैं, किंतु कांग्रेस का इनके साथ मैदानी रिश्ता देखिए तो हकीकत कुछ और ही नजर आएगी। कांग्रेस गठबंधन को एक राजनीतिक धर्म बनाने के बजाए व्यापार बना चुकी है। इसी का परिणाम है अमर सिंह जैसे सहयोगी उसी व्यापार का शिकार बनकर आज जेल में हैं। सपा सांसद रेवतीरमण सिंह का नंबर भी जल्दी आ सकता है। यह देखना रोचक है कि अपने सहयोगियों के प्रति कांग्रेस का रवैया बहुत अलग है। वहां रिश्तों में सहजता नहीं है। शरद पवार के गढ़ बारामती इलाके की सीट पर राकांपा की हार साधारण नहीं है। एक तरफ जहां कांग्रेस की उदासीनता के चलते महाराष्ट्र में राकांपा हार का सामना करती है। वहीं केंद्रीय मंत्री के रूप में शरद पवार हो रहे हमलों पर कांग्रेस का रवैया देखिए। कांग्रेसी उन्हें ही महंगाई बढ़ने का जिम्मेदार ठहराने में लग जाते है। एक सरकार सामूहिक उत्तरदायित्व से चलती है। भ्रष्टाचार हुआ तो ए. राजा दोषी हैं और महंगाई बढ़े तो शरद पवार दोषी ,यह तथ्य हास्यास्पद लगते हैं। फिर खाद्य सुरक्षा बिल जैसै सवालों पर मतभेद बहुत जाहिर हैं। श्रीमती सोनिया गांधी के द्वारा बनाया गयी राष्ट्रीय सलाहकार परिषद मंत्रियों और कैबिनेट पर भारी है, उसके द्वारा बनाए गए कानून मंत्रियों पर थोपे जा रहे हैं। यह सारा कुछ भी सहयोगी दलों के मंत्री सहज भाव से नहीं कर रहे हैं, मंत्री पद का मोह और सरकार में बने रहने की कामना सब कुछ करवा रही है। सीबीआई का दुरूपयोग और उसके दबावों में राजनीतिक नेताओं को दबाने का सारा खेल देश के सामने है। ऐसे में यह बहुत संभव है कि ये विवाद अभी और गहरे हों। सरकार की छवि पर संकट देखकर लोग सरकार से अलग होने या अलग राय रखने की बात करते हुए दिख सकते हैं। ममता बनर्जी सरकार में मंत्री रहते हुए अक्सर ऐसा करती दिखती थीं और अपना जनधर्मी रूख बनाए रखती थीं। सहयोगी दलों की यह मजबूरी है कि वे सत्ता में रहें किंतु हालात को देखते हुए अपनी असहमति भी जताते रहें, ताकि उन्हें हर पाप में शामिल न माना जाए। शरद पवार जैसै कद के नेता का ताजा रवैया बहुत साफ बताता है कि सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। जब गठबंधन नकारात्मक चुनावी परिणाम देने लगा है, सहयोगी दल चुनावों में पस्त हो रहे हैं तो उनमें बेचैनी स्वाभाविक है। जिस बारामती में शरद पवार, कांग्रेस के बिना भी भारी पड़ते थे वहीं पर अगर वे कांग्रेस के साथ भी अपनी पार्टी को नहीं जिता पा रहे हैं, तो उनकी चिंता स्वाभाविक है। जाहिर तौर पर सबके निशाने पर चुनाव हैं और गठबंधन तो चुनाव जीतने व सरकार बनाने के लिए होते हैं। अब जबकि गठबंधन भी हार और निरंतर अपमान का सबब बन रहा है तो क्यों न बेसुरी बातें की जाएं। क्योंकि सरकार चलाना अकेली शरद पवार की गरज नहीं है, इसमें सबसे ज्यादा किसी का दांव पर है तो कांग्रेस का ही है। शरद पवार से वैसे भी आलाकमान के रिश्ते बहुत सहज नहीं रहे क्योंकि सोनिया गांधी के विदेशी मूल का सवाल उठाकर एनसीपी ने रिश्तों में एक गांठ ही डाली थी। बाद के दिनों में सत्ता साकेत की मजबूरियों ने रास्ते एक कर दिए। ऐसी स्थितियों में शायद कांग्रेस को एक बार फिर से गठबंधन धर्म को समझने की जरूरत है, किंतु अपनी ही परेशानियों से बेहाल कांग्रेस के इतना वक्त कहां है? श्रीमती सोनिया गांधी की खराब तबियत जहां कांग्रेस संगठन को चिंता में डालने वाली है वहीं कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की क्षमताएं अभी बहुज्ञात नहीं हैं। Tuesday, October 18, 2011
दिनेश कुमार माली सम्मानित
‘मीडिया शिक्षाःमुद्दे और अपेक्षाएं’
मीडिया विमर्श का नया अंक
Thursday, October 13, 2011
अंडमान में 'राष्ट्रीय डाक सप्ताह' का आयोजन
अरुण श्रीवास्तव ‘मुन्ना जी’ नहीं रहे....
प्रेषकः किशोर श्रीवास्तव,
द्वारा, हम सब साथ साथ पत्रिका,
916- बाबा फरीदपुरी, वेसट पटेल नगर,
नई दिल्ली-110008 मो. 9868709348
Wednesday, October 12, 2011
Tuesday, October 11, 2011
रोचक चर्चा : कौन परिंदा?, कौन परिंदी??...
कौन परिंदा?, कौन परिंदी??...
-विजय कौशल, संजीव 'सलिल'

*
कौन परिंदा?, कौन परिंदी? मेरे मन में उठा सवाल.
किससे पूछूं?, कौन बताये? सबने दिया प्रश्न यह टाल..
मदद करी तस्वीर ने मेरी,बिन बूझे हल हुई पहेली.
देख आप भी जान जाइये, कौन सहेला?, कौन सहेली??..
करी कैमरे ने हल मुश्किल, देता चित्र जवाब.
कौन परिंदा?, कौन परिंदी??, लेवें जान जनाब..
*
अनथक श्रम बिन रुके नसीहत, जो दे वही परिन्दी.
मुँह फेरे सुन रहा अचाहे, अंगरेजी या हिन्दी..
बेबस हुआ परिंदा उसकी पीर नहीं अनजानी,.
'सलिल' ज़माने से घर-घर की यह ही रही कहानी..
मुक्तिका : भजे लछमी मनचली को..
Monday, October 10, 2011
यूनिकोड आधारित हिन्दी उपकरण के नवीन संस्करण
आप सभी को यह जानकारी देते हुए अत्यधिक हर्ष हो रहा है कि हमारे
द्वारा विकसित विभिन्न यूनिकोड आधारित हिन्दी उपकरण जैसे कि फ़ॉन्ट
परिवर्तक, डिक्शनरी, टाइपिंग उपकरण आदि के नवीन संस्करण जारी किए हैं।
संक्षिप्त विवरण एवम् डाउनलोड लिंक दी जा रहीं हैं, जहाँ से उक्त उपकरण
के नवीन संस्करण प्राप्त किए जा सकते हैं।
• नवीन संस्करण के इंस्टालेशन के लिए डाटनेट फ़्रेमवर्क वर्जन 2 या 3.5
जरूरी है। डाटनेट फ़्रेमवर्क वर्जन 2 या 3.5 पर कार्य करने वाले उपकरण के
नवीन संस्करण इस प्रकार से हैं:-
1. DangiSoft Prakhar Devanagari Font Parivartak: प्रखर देवनागरी फ़ॉन्ट
परिवर्तक Version 2.1.5.0 : First and Only software for the purpose of
Conversion of Devanagari Text in various ASCII/ISCII (8 bit) Fonts
into Unicode (16 bit) Text immediately and easily with 100% accuracy.
http://www.4shared.com/file/zXERndaY/PrakharParivartak.html
2. DangiSoft UniDev: यूनिदेव (Version : 2.0.5.0) - UniDev (Unicode to
ASCII/ISCII Font Converter) is a latest new UNICODE CONVERTER FOR
HINDI, SANSKRIT, MARATHI, NEPALI and Other DEVANAGARI SCRIPTS. It can
easily convert Mangal Unicode font to Kruti Dev with 100% accuracy.
http://www.4shared.com/file/qs8-bXyl/UniDev.html
3. DangiSoft ShabdaJnaan: DangiSoft - ShabdaGyaan (Eng.-Hindi-Eng.)
UNICODE BASED A DUPLEX DICTIONARY (A TOOL FOR OFFLINE USE)
शब्द-ज्ञान यूनिकोड आधारित 'अंग्रेज़ी-हिन्दी- अंग्रेज़ी ' डिक्शनरी (ऑफ़लाइन)
Version 2.0.5.0
http://www.4shared.com/file/gUAGYIVO/ShabdaGyaan.html
4. DangiSoft Prakhar Devanagari Lipik: प्रखर देवनागरी लिपिक : (Version
2.0.5.0) - Remington Based Unicode Typing Tool with 100% accuracy....
http://www.4shared.com/file/NlV7Z_y7/PrakharLipik.html
5. DangiSoft Pralekh Devanagari Lipik: प्रलेख देवनागरी लिपिक (फ़ॉनेटिक
इंगलिश टंकण प्रणाली आधारित) Version 2.0.5.0 Phonetic English Based
Unicode Typing Tool with 100% accuracy....
http://www.4shared.com/file/Ycf9LpP1/PralekhLipik.html
• डाटनेट फ़्रेमवर्क वर्जन 1.1 पर कार्य करने वाले उक्त उपकरण के नवीन
संस्करण इस प्रकार से हैं:-
DOTNET FRAMEWORK V1.1 LINK:-
http://www.4shared.com/file/rO2qAZm1/dotnetfx.html
1. DangiSoft Prakhar Devanagari Font Parivartak: प्रखर देवनागरी फ़ॉन्ट
परिवर्तक Version 1.1.5.0 : First and Only software for the purpose of
Conversion of Devanagari Text in various ASCII/ISCII (8 bit) Fonts
into Unicode (16 bit) Text immediately and easily with 100% accuracy.
http://www.4shared.com/file/gJY3QkSE/PrakharConverter.html
2. DangiSoft UniDev: यूनिदेव (Version : 1.0.5.0) - UniDev (Unicode to
ASCII/ISCII Font Converter) is a latest new UNICODE CONVERTER FOR
HINDI, SANSKRIT, MARATHI, NEPALI and Other DEVANAGARI SCRIPTS. It can
easily convert Mangal Unicode font to Kruti Dev with 100% accuracy.
http://www.4shared.com/file/vvqAWeca/UniDev1.html
3. DangiSoft ShabdaJnaan: DangiSoft - ShabdaGyaan (Eng.-Hindi-Eng.)
UNICODE BASED A DUPLEX DICTIONARY (A TOOL FOR OFFLINE USE)
शब्द-ज्ञान यूनिकोड आधारित 'अंग्रेज़ी-हिन्दी- अंग्रेज़ी ' डिक्शनरी (ऑफ़लाइन)
Version 1.0.5.0
http://www.4shared.com/file/U_3SZO2a/ShabdaGyaanV1.html
4. DangiSoft Prakhar Devanagari Lipik: प्रखर देवनागरी लिपिक : (Version
1.0.4.0) - Remington Based Unicode Typing Tool with 100% accuracy....
http://www.4shared.com/file/tnxq2vVr/PrakharLipikV1.html
5. DangiSoft Pralekh Devanagari Lipik: प्रलेख देवनागरी लिपिक (फ़ॉनेटिक
इंगलिश टंकण प्रणाली आधारित) Version 1.0.5.0 Phonetic English Based
Unicode Typing Tool with 100% accuracy....
http://www.4shared.com/file/rHuXCOh7/DangiSoftPralekhV1.html
उक्त उपकरणों के संबंध में अगर आप कुछ सुझाव देना चाहें या अधिक जानकारी
चाहें तो आपका स्वागत है हमें जरूर लिखें।
धन्यवाद!
सादर
इंजी॰ जगदीप सिंह दाँगी
Cell:+91-9826343498
E-mail:dangijs@gmail.com
http://www.4shared.com/u/5IPlotQZ/DangiSoft_India.html
http://www.hindimedia.in/2/index.php/hindijagat/vishesh/433-jagdip-dangi-vishisht-akadami-awad.html
Friday, October 7, 2011
अस्मिताओं के सम्मान से ही एकात्मताः सहस्त्रबुद्धे
अस्मिताओं के सम्मान से ही एकात्मताः सहस्त्रबुद्धे
(संजय द्विवेदी)
नेह
कंचन झा
भगत सिंह नगर,डेराबस्सी
मोहाली ,पंजाब
पिन -140507
शून्य में ,
अनंतता का परिचय .
सम व विषम
के मध्य .
जीवन से अथवा
बेजान से .
न कहने की बात .
न सुनने की जरूरत .
कड़े से मजबूत .
अनंततम तन्य भी .
न शुरू का पता .
न अंत की खबर .
यूँ मानो जैसे
" ईश्वर ".
Tuesday, October 4, 2011
अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन, बैंकाक, थाईलैंड
अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन हेतु पंजीयन प्रारंभ
रायपुर । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी और हिंदी-संस्कृति को प्रतिष्ठित करने के लिए सृजन-सम्मान, छत्तीसगढ़ द्वारा, किये जा रहे प्रयासों और पहलों के अनुक्रम में आगामी 15 से 21 दिसंबर तक थाईलैंड में चतुर्थ अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है । इसके पूर्व संस्था द्वारा तीन अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन विदेशों में और 8 राष्ट्रीय आयोजन देश में किया जा चुका है । इस सम्मेलन में हिंदी के आधिकारिक विद्वान, अध्यापक, लेखक, भाषाविद्, पत्रकार, टेक्नोक्रेट एवं हिंदी प्रचारक भाग ले रहे हैं । सम्मेलन का मूल उद्देश्य स्वंयसेवी आधार पर हिंदी-संस्कृति का प्रचार-प्रसार, भाषायी सौहार्द्रता एवं सांस्कृतिक अध्ययन-पर्यटन का अवसर उपलब्ध कराना है। उक्त अवसर पर आयोजित संगोष्ठी – हिन्दी की वैश्वकिता पर प्रतिभागी अपना आलेख पाठ कर सकेंगे । इसके अलावा प्रतिभागियों के लिए बैंकाक, पटाया, कोहलर्न आईलैंड थाई कल्चरल शो, गोल्डन बुद्ध मंदिर, विश्व की सबसे बड़ी जैम गैलरी, सफारी वर्ल्ड आदि स्थलों का सांस्कृतिक पर्यटन का अवसर भी उपलब्ध होगा । इच्छुक रचनाकार रचनात्मक भागीदारी को मद्देनज़र रखते हुए संस्था आपको सादर आमंत्रित करती है ।
आयोजन में सम्मिलित होने की सहमति की स्थिति में प्रतिभागी को पंजीयन हेतु 10 अक्टूबर, 2011 के पूर्व अनिवार्यतः पासपोर्ट की मूलप्रति, दो श्वेत श्याम पासपोर्ट साईज छायाचित्र जमा करना होगा । प्रतिभागियों को दोनों संस्थाओं की ओर से मानपत्र, प्रतीक चिन्ह,1000 रुपये की साहित्यिक कृतियां भेंट स्वरूप प्रदान की जायेगी । अन्य वांछित जानकारी हेतु डॉ. जयप्रकाश मानस, रायपुर मो.- 94241-82664, srijangatha@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है ।







