Wednesday, July 28, 2010

अज्ञेय और शमशेर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी



(द्वितीय प्रमोद वर्मा स्मृति समारोह-2010 )
मधुरेश, ज्योतिष जोशी और डॉ.शोभाकांत झा का सम्मान


रायपुर । छत्तीसगढ़ की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान द्वारा प्रेमचंद जयंती के अवसर पर देश के दो मूर्धन्य रचनाकार अज्ञेय और शमशेर की जन्मशताब्दी वर्ष को राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा रहा है । यह आयोजन 30-31 जुलाई, 2010 को होटल गोल्डन ट्यूलिप, व्ही.आई.पी.रोड किया जा रहा है जिसमें देश और राज्य के 200 से अधिक साहित्यकार भाग ले रहे हैं । समारोह की शुरूआत 30 जुलाई की शाम 7 बजे राष्ट्रीय कविता पाठ से होगी जिसमें देश के प्रतिष्ठित कवि- सर्वश्री नंदकिशोर आचार्य(जयपुर), दिविक रमेश(दिल्ली), अष्टभुजा शक्ल(बस्ती), बुद्धिनाथ मिश्र(देहरादून), श्रीप्रकाश मिश्र(इलाहाबाद), नरेंद्र पुंडरीक(बांदा), रवीन्द्र स्वप्निल प्रजापति(भोपाल), प्रेमशंकर रघुवंशी(हरदा)अनिल विभाकर(रायपुर), रति सक्सेना(त्रिवेन्द्रम), सुधीर सक्सेना(दिल्ली), राकेश श्रीमाल(वर्धा), श्री अरुण शीतांश(आरा), संतोष श्रेयांश(आरा), शशांक(बक्सर), कुमुद अधिकारी(नेपाल), कुमार नयन(बक्सर), जयशंकर बाबु (आंध्रप्रदेश)आदि अपनी श्रेष्ठ कविताओं का पाठ करेंगे । अध्यक्षता करेंगे जाने माने आलोचक डॉ. धनंजय वर्मा । मुख्य अतिथि होंगे - डॉ. गंगा प्रसाद विमल और विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगे श्री मधुरेश, प्रभुनाथ आजमी आदि ।

संस्थान के कार्यकारी निदेशक जयप्रकाश मानस ने बताया है कि 31 जुलाई, 2010 9 बजे प्रातः द्वितीय प्रमोद वर्मा आलोचना सम्मान-2010 से प्रमुख कथाआलोचक श्री मधुरेश और युवा आलोचक ज्योतिष जोशी को सम्मानित किया किया जायेगा । इसके पूर्व गत वर्ष श्रीभगवान सिंह और कृष्ण मोहन जैसे आलोचकों को इस सम्मान से नवाजा जा चुका है । इस सम्मान के अंतर्गत 21, 11 व 7 हजार रुपये, प्रतीक चिन्ह, सम्मान पत्र आदि से सम्मानित किया जाता है ।इस अवसर पर राज्य स्तरीय प्रमोद वर्मा रचना सम्मान से हिन्दी के पूर्णकालिक ललित निबंध लेखन के लिए डॉ. शोभाकांत झा को भी अंलकृत किया जायेगा । इस अवसर पर राज्य से प्रकाशित होने वाली संपूर्ण त्रैमासिक पत्रिका पांडुलपि के प्रवेशांक (प्रधान संपादक- अशोक सिंघई), कठिन प्रस्तर में अगिन सुराख (विश्वरंजन), ठंडी धुली सुनहरी धूप (विश्वरंजन), शिलाओं पर तराशे मज़मून (डॉ. धनंजय वर्मा पर एकाग्र) छत्तीसगढ़ की कविता(डॉ. बलदेव), मीडिया : नये दौर,नयी चुनौतियाँ (संजय द्विवेदी, भोपाल) चाँदनी थी द्वार पर ( सुरेश पंड़ा), पक्षी-वास (मूल उडिया उपन्यास–सरोजिनी साहू, अनुवाद– दिनेश माली, उड़ीसा), झरोखा (पंकज त्रिवेदी, अहमदाबाद),विष्णु की पाती – राम के नाम (विष्णु प्रभाकर के पत्र- जयप्रकाश मानस), कहानी जो मैं नहीं लिख पायी ( श्री कुमुद अधिकारी, नेपाल), 11 किताबें (डॉ. के. के. झा, बस्तर), पत्रिका देशज (अरुण शीतांश, बिहार), ये है इंडिया मेरी जान (युक्ता राजश्री) आदि का विमोचन भी किया जायेगा ।

31 जुलाई को 11 बजे ‘अज्ञेय की शास्त्रीयता’ विषय पर राष्ट्रीय विमर्श होगा जिसमें डॉ. कमल कुमार-दिल्ली डॉ. आनंदप्रकाश त्रिपाठी-सागर, श्री बजरंग बिहारी-दिल्ली, डॉ.देवेन्द्र दीपक-भोपाल, डॉ. रति सक्सेना-त्रिवेंन्द्रम, डॉ. सुशील त्रिवेदी-रायपुर, श्री बुद्धिनाथ मिश्र-देहरादून, श्री महेन्द्र गगन-भोपाल श्री प्रकाश त्रिपाठी-इलाहाबाद, श्री माताचरण मिश्र-भोपाल,श्री संतोष श्रेयांस-आरा अपना वक्तव्य देंगे । अध्यक्ष मंडल में होगें - श्री नंदकिशोर आचार्य-जयपुर, श्री गंगाप्रसाद विमल-दिल्ली,डॉ. दिविक रमेश-दिल्ली, डॉ. धनंजय वर्मा-भोपाल आदि । इसी तरह उसी दिन 3 बजे शमशेर का कविता संसार पर विमर्श में वक्ता के रूप में डॉ. रोहिताश्व-गोवा, श्री राकेश श्रीमाल-वर्धा, श्री प्रभुनाथ आजमी-भोपाल, श्री ज्योतिष जोशी-दिल्ली, श्री नरेन्द्र पुंडरीक-बांदा, डॉ. शिवनारायण-पटना, संतोष श्रीवास्तव-मुंबई श्री दिवाकर भट्ट-हलद्वानी,श्री मुकेश वर्मा-उज्जैन, , श्री कुमार नयन-बक्सर, श्री राजेन्द्र उपाध्याय-दिल्ली, श्री रविन्द्र स्वप्निल प्रजापति-भोपाल, डॉ. कमलेश-इलाहाबाद, डॉ. सुधीर सक्सेना-दिल्ली, अध्यक्ष मंडल में होंगे - डॉ. धंनजय वर्मा-भोपाल, श्री मधुरेश-कानपुर, श्री खगेन्द्र ठाकुर-पटना, श्री त्रिभुवन नाथ शुक्ल-भोपाल आदि । इस अवसर पर टैगोर, शमशेर, अज्ञेय, फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ एवं प्रमोद वर्मा की कविताओं की प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है ।

Monday, July 19, 2010

देवनागरी इन्स्क्रिप्ट की-बोर्ड लेआउट


देवनागरी इन्स्क्रिप्ट की-बोर्ड लेआउट

यह केवल देवनागरी के लिए ही नहीं, अन्य भारतीय भाषाओं के लिए एक विशिष्ट विकल्प है । इसे सीखनेवाले बहुभाषाई शब्द-संसाधन में सक्षम साबित हो सकते हैं ।

VERY IMPORTANT MESSAGE...!!

VERY IMPORTANT MESSAGE...!!
New Scam in Society

Interesting!

It all started when I received a call from someone claiming that he was from my mobile service provider and he asked me to shutdown myphone for 2 hours for 3G update to take place
As I was rushing for a meeting, I did not question and shutdown my cell phone. After 45 minutes, I felt very suspicious since the caller did not even introduce his name. I quickly turned on my cell phone and I received several calls from my family members and the others were from the number that had called me earlier - 3954380. I called my parents and I was shocked that they sounded very worried asking me whether I am safe. My parents told me that they had received a call from someone claiming that they had me with them and asking for money (Ransom) to let me free. The call was so real and my parents even heard 'my voice' crying out loud asking for help. My parent was at the bank waiting for next call to proceed for money transfer. I told my parents that I was safe and asked them to lodge a police report. Right after that I received another call from the guy asking me to shutdown my cell phone for another 1 hour that I refused to do and hung up. They kept calling my cell phone until the battery had run down. I myself lodged a police report and I was informed by the officer that there were many such scams reported. MOST of the cases reported that the victim had already transferred the money! And it is impossible to get back the money. Be careful as this kind of scam might happen to any of us! Those guys are so professional and very convincing during calls. If you are asked to shut down your cell phone for updates by the service provider, ASK AROUND! Your family or friends might receive the same call. Be Safe and Stay Alert!Please pass around to your family and friends!

AJITH A MADHVAN

Saturday, July 17, 2010

प्रमोद वर्मा स्मृति आलोचना सम्मान मधुरेश और ज्योतिष जोशी को






रायपुर । द्वितीय प्रमोद वर्मा स्मृति आलोचना सम्मान से प्रतिष्ठित कथाआलोचक मधुरेश और युवा आलोचक ज्योतिष जोशी को सम्मानित किया जायेगा । यह सम्मान उन्हें 31 जुलाई, प्रेमचंद जयंती के दिन रायपुर, छत्तीसगढ़ में आयोजित द्वितीय अखिल भारतीय प्रमोद वर्मा स्मृति समारोह में प्रदान किया जायेगा । उक्त अवसर पर शताब्दी पुरुष द्वय अज्ञेय और शमशेर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया है । यह सम्मान हिन्दी आलोचना की परंपरा में मौलिक और प्रभावशाली आलोचना दृष्टि को प्रोत्साहित करने के लिए 2 आलोचकों को दिया जाता है। संस्थान द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर देश के दो आलोचकों को सम्मान स्वरूप क्रमश- 21 एवं 11 हज़ार रुपये नगद, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह एवं प्रमोद वर्मा के समग्र प्रदान कर सम्मानित किया जाता है । इसमें एक सम्मान युवा आलोचक के लिए निर्धारित है ।
चयन समिति के संयोजक जयप्रकाश मानस ने अपनी विज्ञप्ति में बताया है कि इस उच्च स्तरीय निर्णायक मंडल के श्री केदार नाथ सिंह, डॉ. धनंजय वर्मा, डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, विजय बहादुर सिंह और विश्वरंजन ने एकमत से वर्ष 2010 के लिए दोनों आलोचकों का चयन किया है । ज्ञातव्य हो कि मुक्तिबोध, हरिशंकर परसाई और श्रीकांत वर्मा के समकालीन आलोचक, कवि, नाटककार और शिक्षाविद् प्रमोद वर्मा की स्मृति में गठित संस्थान द्वारा स्थापित प्रथम आलोचना सम्मान से गत वर्ष श्रीभगवान सिंह और कृष्ण मोहन को नवाज़ा गया था ।
बरेली निवासी मधुरेश वरिष्ठ और पूर्णकालिक कथाआलोचक हैं जिन्होंने पिछले 35 वर्षों से हिन्दी कहानी और उपन्यासों पर उल्लेखनीय कार्य किया है । उनकी प्रमुख चर्चित-प्रशंसित कृतियाँ है - आज की कहानी : विचार और प्रतिक्रिया, सिलसिला : समकालीन कहानी की पहचान', हिन्दी आलोचना का विकास, हिन्दी कहानी का विकास, हिन्दी उपन्यास का विकास, मैला आँचल का महत्व, नयी कहानी : पुनर्विचार, नयी कहानी : पुनर्विचार में आंदोलन और पृष्ठभूमि, कहानीकार जैनेन्द्र कुमार : पुनर्विचार, उपन्यास का विकास और हिन्दी उपन्यास : सार्थक की पहचान, देवकीनंदन खत्री (मोनोग्राफ), रांगेय राघव (मोनोग्राफ), यशपाल (मोनोग्राफ), यशपाल : रचनात्मक पुनर्वास की एक कोशिश , अश्क के पत्र, फणीश्वरनाथ रेणु और मार्क्सवादी आलोचना आदि ।
डॉ. ज्योतिष जोषी युवा पीढ़ी में पिछले डेढ़ दशक से अपनी मौलिक साहित्य, कला और संस्कृति आलोचना के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते हुए अपनी प्रखर उपस्थिति से सबका ध्यान आकृष्ट किया है । मूलतः गोपालगंज बिहार निवासी श्री जोशी की प्रमुख कृतियाँ हैं – आलोचना की छवियाँ, विमर्श और विवेचना, जैनेन्द्र और नैतिकता, साहित्यिक पत्रकारिता, पुरखों का पक्ष, उपन्यास की समकालीनता, नैमिचंद जैन, कृति आकृति, रूपंकर, भारतीय कला के हस्ताक्षर, सोनबरसा, संस्कृति विचार, सम्यक, जैनेन्द्र संचयिता, विधा की उपलब्धिःत्यागपत्र व भारतीय कला चिंतन (संपादन) ।

यूनिदेव (मंगल से कृतिदेव फ़ॉन्ट परिवर्तन हेतु उपकरण)

यूनिदेव (मंगल से कृतिदेव फ़ॉन्ट परिवर्तन हेतु उपकरण):-DangiSoft UniDev (Mangal to Kruti Dev Font Converter for Devanagari Script) is a latest new UNICODE CONVERTER FOR HINDI, SANSKRIT, MARATHI, NEPALI and Other DEVNAGRI SCRIPTS. It can easily convert Mangal Unicode font to Kruti Dev with 100% accuracy and saves your precious time. UniDev is useful for DTP Operators and Printers because loads of DTP software like PageMaker/Illustrator still does not support Hindi Unicode.
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Thursday, July 15, 2010

प्रमोद वर्मा स्मृति आलोचना सम्मान हेतु प्रविष्टियाँ आमंत्रित


रायपुर । मुक्तिबोध, परसाई और श्रीकांत वर्मा के समकालीन तथा हिन्दी के वरिष्ठ आलोचक, कवि, नाटककार, विचारक और शिक्षाविद् श्री प्रमोद वर्मा की स्मृति को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान द्वारा वर्ष 2009 से दो राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार प्रारंभ किये गये हैं । यह सम्मान हिन्दी आलोचना की परंपरा में मौलिक और प्रभावशाली आलोचना दृष्टि को प्रोत्साहित करने के लिए 3 आलोचकों को दिया जाता है। वर्ष 2010-11 के सम्मान हेतु निम्नानुसार प्रविष्टियाँ आमंत्रित हैं -


प्रमोद वर्मा आलोचना सम्मान-
इस सम्मान के अंतर्गत 40 वर्ष से अधिक आयु वाले आलोचक की ऐसी मौलिक आलोचनात्मक कृति जो पिछले पाँच वर्षों में प्रकाशित हुई हो, पर विचार किया जायेगा । सम्मान के अंतर्गत अप्रकाशित पांडुलिपि भी स्वीकार किये जायेंगे । पुरस्कार स्वरूप चयनित आलोचक को संस्थान द्वारा आयोजित राष्ट्र स्तरीय समारोह में 21 हज़ार रुपये नगद, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह आदि से सम्मानित किया जायेगा।


प्रमोद वर्मा आलोचना सम्मान (युवा) -
इस सम्मान के अंतर्गत 40 साल से कम आयु वाले युवा आलोचक के ऐसे मौलिक आलोचनात्मक लेखन, प्रकाशित कृति या अप्रकाशित पांडुलिपि पर विचार किया जायेगा जो आलोचना के प्रचलित प्रतिमानों से हटकर एवं प्रभावकारी हो । ऐसे आलोचकों की कृतियाँ पिछले 2 वर्षों के भीतर प्रकाशित हुई हो । सम्मानस्वरूप चयनित आलोचक को संस्थान द्वारा आयोजित राष्ट्र स्तरीय समारोह में 11 हज़ार रुपये नगद, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह आदि से सम्मानित किया जायेगा ।


प्रमोद वर्मा आलोचना सम्मान (राज्य स्तरीय) –
इस सम्मान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य के आलोचकों को उनकी मौलिक आलोचनात्मक लेखन, प्रकाशन के लिए सम्मानित किया जायेगा । ऐसे आलोचकों की कृति पिछले एक वर्ष के भीतर प्रकाशित हुई हो । सम्मान चयनित आलोचक को संस्थान द्वारा 7 हज़ार रुपये नगद, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह आदि से सम्मानित किया जायेगा ।


निर्णायक मंडल –
श्री केदार नाथ सिंह, श्री गंगाप्रसाद विमल, डॉ. धनंजय वर्मा, श्री विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, श्री विश्वरंजन ।
निर्णायक मंडल (राज्य स्तरीय)-
श्री प्रभात त्रिपाठी, डॉ. बलदेव, डॉ. सुशील त्रिवेदी, श्री गिरीश पंकज, श्री विश्वरंजन


नियमावली –
1. प्रविष्टि के रूप में प्रकाशित कृति या पांडुलिपि की दो प्रतियाँ भेजना होगा ।
2. प्रविष्टि के साथ आलोचक का संक्षिप्त बायोडेटा और छायाचित्र भेजना आवश्यक होगा ।
3. प्रविष्टि कोई प्रकाशक, समीक्षक, प्रशंसक या स्वयं आलोचक भी भेज सकते हैं ।
4. प्रविष्टि प्राप्त होने की अंतिम तिथि – 30 मार्च, 2011 ।
5. प्रविष्टि भेजने का पता – जयप्रकाश मानस, कार्यकारी निदेशक, प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान, छगमाशिम, आवासीय परिसर, पेंशनवाड़ा, रायपुर, छत्तीसगढ़ – 492001
6. अन्य जानकारी के लिए मोबाईल नंबर 94241-82664 या ई-मेल-pandulipipatrika@gmail.com या हमारी वेबसाइट www.pramodvarma.com से संपर्क कर सकते हैं ।


(रायपुर से राम पटवा की रपट)