कोयंबत्तूर रिटेल क्षेत्रीय कार्यालय में दो दिवसीय हिन्दी कार्यशाला का आयोजन जुलाई 21 और 22 , 2011 को क्षेत्रीय कार्यालय के सम्मेलन कक्ष में किया गया । केरल और तमिलनडू में स्थित हमारे कार्यालयों से कुल 18 कर्मचारियों ने हिन्दी कार्यशाला में भाग लिया था ।
कार्यशाला का शुभारंभ एच पी गीत के साथ हुआ । श्री जी केके वी उमाशंकरजी , वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंन्धक महोदय ने कार्यशाला का उद्घाटन किया था । उद्घाटन करके उन्होंने बताया कि कार्यशाला का लक्ष्य कर्मचारियों को राजभाषा कार्यपर परिचय कराना और कार्यालय में राजभाषा कार्य करने केलिए उन्मुख कराना है । कोयंबत्तूर क्षेत्र में पिछले तीन वर्षों से कोयंबत्तूर टोलिक द्वारा उत्तम राजभाषा का कार्य की निष्पादन केलिए लगातार तीन बार पुरस्कार प्रदान किया गया है ।
राजभाषा कार्य परहमारे कार्पोरेशन को अखिल भारतीय स्तर पर एक ऐसा नाम है वह कोयंबत्तूर भी बनाये रखते हैं । हिन्दी पत्राचार , हिन्दी टिप्पणी लिखना , हिन्दी में बातचीत करना , कार्यालय प्रमुख द्वारा कोयंबत्तूर टोलिक बैठक में इरूगूर इन्स्टलेशन के कार्यालय प्रमुख के साथ भाग लेना अत्यंत सराहनीय बात है । कोयंबत्तूर के इरूगूर इन्स्टलेशन के हिन्दी समन्वयक को पिछले वर्ष दिसंबर में तिरुच्चिरप्पल्ली में आयोजित समन्वयकों के हिन्दी कार्यशाला के दौरान उत्तम राजभाषा समन्वयक के रूप में चयन किया था , श्री के एस बैजू , राजभाषा समन्वयक , इरूगूर कार्यालय , इसके लिए बधाई केलिए पात्र बने हैं । उसी प्रकार कोयंबत्तूर रिटेल क्षेत्रीय कार्यालय के श्री श्रीरामन एस ने अनेक नवोन्मेषी कार्य राजभाषा की प्रगति की दृष्टि से कार्यालय में लाने केलिए अत्यंत प्रयास किया है । उनके द्वारा आयोजित हिन्दी पाठ्यक्रम कक्ष में भाग लेकर कोयंबत्तूर रिटेल क्षेत्रीय कार्यालय के 7 कर्मचारियों ने इस बार प्रबोध परीक्षा में 70 प्रतिशत से अधिक अंक से परीक्षा पास होने पर वह दक्षिणांचल केलिए एक नया रिकार्ड भी बन गया है । एक कार्यालय से इतने स्टाफ सद्स्य एक ही साथ पाठ्यक्रम में भाग लेना , इतना अंक से पास होना अब तक संभव नहीं हुआ था । मैं इन दोनों समन्वयकों को हार्दिक बधाईयां देता हू । साथ ही कोचिन के क्षेत्रीय राजभाषा समन्वयक श्री रमेश प्रभु को और दक्षिणांचल के श्री बशीरजी को भी इस अवसर पर अभिनंदन देता हूं । आगे भी हमें लक्ष्य की ओर बढने केलिए अनेक कार्य राजभाषा की दृष्टी से करने का है । हमारे लक्ष्य प्राप्ति केलिए हम एक साथ हाथ मिलायेंगें और बढेंगें ।
हमारे मुख्य अतिथि के रूप में आए श्री सी स्वामिनाथनजी , वे कोयंबत्तूर के सबसे पुराने हिन्दी प्रचारक एवं प्रशिक्षक रहें । उनके मार्गदर्शन से कोयंबत्तूर में हमें राजभाषा का कार्य करने का मदद मिलता रहता है । श्री बशीरजी , प्रबंधक राजभाषा – दक्षिणांचल ने अपने अनुग्रह भाषण में कोयंबत्तूर को बहुत सराहना दी । राजभाषा कार्य को करना हरेक स्टाफ सदस्यों का दायित्व मानने पर उन्होंने जोर दिया ।
कार्यशाला का शुभारंभ में सभा का स्वागत श्री रमेश संपत्तजी , प्रबंधक – वित्त ,कोयंबत्तूर रिटेल क्षेत्रीय कार्यालय ने किया था और कृतज्ञता को श्रीरामन एस ने अदा किया ।
हिन्दी कार्यशाला में कुल 6 सत्र थे , इसके अलावा प्रतिभागियों केलिए हिन्दी कुशलता का प्रदर्शन करने वाले 5 परीक्षाओं का भी आयोजन किया था । उद्घाटन के उपरांत कार्यशाला में पहला सत्र का संचालन श्री एस स्वामीनाथन जी ने किया था । उन्होंने कार्यालयीन भाषा का प्रयोग , हिन्दी शब्दों का प्रयोग , पत्राचार एवं टिप्पणी लेखन पर सदस्यों को सिखाया । दूसरा सत्र डा एस बशीर जी का था । उन्होंने व्यावहारिक रूप में कार्यालयीन भाषा को राजभाषा हिन्दी में परिवर्तित करने केलिए सिखाया । दक्षिणांचल की राजभाषा की वर्तमान स्थिति को सुधारने केलिए उपाय भी दिया । हिन्दी भाषा का महत्व एवं स्थान पर श्रीमती किरण श्रीनाथन , वे कोयंबत्तूर के एयरफोर्स स्कूल के अद्यपिका हैं , उनके द्वारा राजभाषा एवं राष्ट्रभाषा पर खुल्लंखुला चर्चा की गई ।
कार्यशाला के दूसरा दिवस राममोहन रेड्डीजी , शाखा प्रबंधक कोयंबत्तूर शाखा , ऩ्यू इन्डिया इन्शोरेंन्स एवं भूतपूर्व सचिव कोयंबत्तूर टोलिक ने राजभाषा नियम और अधिनियम पर कक्षा का संचालन किया था । श्री रमेश प्रभु मुख्य राजभाषा अनुवादक , कोचिन नेहिन्दी में कंप्यूटर की अध्यतन सुविधाओं पर सदस्यों को जानकारी दी । युनिकोड का महत्व एवं राजभाषा का प्रयोग करने की सुविधाओं पर सदस्यों को प्रशिक्षित किया था । उन्होंने 5 परीक्षाओं का भी आयोजन किया था । उन परीक्षाओं के माध्यम से स्टाफ सदस्यों को हिन्दी लिखना , पढना , सुनना , पत्र तैयार करना , टिप्पणी लिखना , अनुवाद करना , बोलचाल करना इत्यादि पर आत्म विश्वास एवं उत्साह हिन्दी के प्रति और भी बढ गया था ।
अंतिम सत्र के रूप में डा वी पद्मा , हिन्दुस्तान कालेज के हिन्दी प्रोफेसर ने राजभाषा का कार्य कार्यालय में कैसे करें और क्या करें पर सत्र का संचालन किया था । वे भूतपूर्व हिन्दी प्रभारी , कोर्पोरेशन बेंक , कोयंबत्तूर में कार्यरत थी ।
समापन सभा का स्वागत श्री रमेश प्रभु ने किया । सभा के मंच पर उपविष्ठ वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रंबधक महोदय ने प्रतिभागियों से फीडबैक ली । श्री एन एस नायरजी , वरिष्ठ प्रबंधक , इरूगूर इन्स्टलेशन ने खुद दो दिवसीय कार्यशाला में सक्रिय रूप से भाग लेकर अपनी प्रतिभागिता का अनुभव प्रकट किया । प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र का वितरण भी किया ।
मंच पर विराजित श्रीमती डां वी पद्मा ने हिन्दुस्तान पेट्रोलियम की कार्य प्रणाली एवं राजभाषा कार्य पर किये गये प्रगति पर अत्यंत प्रशंशा प्रकट की । श्री रजत चतुर्वेदी , बिक्री अधिकारी ने सभा को कृतज्ञता प्रकट किया ।
(श्री एस श्रीरामन, राजभाषा समन्वयक, कोयंबत्तूर रिटेल क्षेत्रीय कार्यालय)