Wednesday, July 27, 2011

मैं चिराग हूँ (कविता)


मैं चिराग हूँ


डॉ.बशीर/Dr.S.Basheer

प्रबंधक राजभाषा/Manager (OL)

एचपीसीएल, चेन्‍नै/HPCL, Chennai

मैं बूंद हूँ सागर से टकराता हूँ

मैं लहर हूँ, किनारों को घबराता हूँ

मैं परिंदा हूँ बादलों को लटता हूँ

मैं बिंदु हूँ सिंधु से डरता नहीं

दुआ करो अय हवाओं और फि़ज़ाओं, सलामत रहें

हिम्‍मत तेरी मज़बूत रहें जि़गर मेरा लोहा बन

सदियों से संघर्ष करता मैं, जलता हूँ मैं

एक छोटा सा चिराग हूँ

मुझे बुझाने के लिए अभी भी

आंधियों की कोशिश जारी है ।

मैं सदियों से डालता हूँ ।

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