Friday, April 29, 2011

कविता - पर्यावरण




पर्यावरण



- एमडी. सादिक, चेन्नै ।




खुदा की प्रकृति बड़ी न्यारी

सुंदर कोमल पेड़ बड़े उपकारी

राही को छाया देते

सबको फूल व फल देते

प्राणवायु देकर विष वायु लेते

पर्यावरण को साफ रखते

पशुओं की भूख मिटाते

पक्षियों का घर बासाते

इसी पेड़ के नीचे

गौतम बुद्ध बने

नानक ने ग्रंथ लिखे

लोग तपस कर महान बने

इसकी संजीविनी से स्वस्थ बने

पेड़ लगाना पुण्य कार्य है

आओ हम सब

कदम बढ़ाकर वृक्ष लगाएं

धरती पर हरियाली सजाकर

मानव जीवन में खुशहाली लाएँ ।

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