Thursday, April 28, 2011

कविता

मँहगी रोटी - सस्ती कार


- श्यामल सुमन



सोने की चिड़िया कभी अपना भारत देश।
अब के जो हालात हैं सुमन हृदय में क्लेश।।

मँहगी रोटी हो रही लेकिन सस्ती कार।
यही प्रगित की माप है समझाती सरकार।।

भूखे हैं बहुजन यहाँ उनके छत आकाश।
संकट में सब खो रहे जीने का विश्वास।।

देख क्रिकेटर को मिले रूपये कई करोड़।
लाख शहीदों के लिए हाल दुखद बेजोड़।।

प्रायः सब कहते सफल अन्ना का अभियान।
असल काम तो शेष है भ्रष्टों की पहचान।।

No comments:

Post a Comment