Saturday, June 1, 2013

प्रभु जी! हमको दें वरदान

भजन :

प्रभु जी! हमको दें वरदान

संजीव
*
प्रभु जी! हमको दें वरदान...
*
हम माटी के महज खिलौने,
प्रकृति मत के मृग-छौने.
कोशिश करें न जीवन में, नभ
छुए बिना रह जाएं बौने.
जड़ें जमा धरती वर विचरें
बनें धरा का मान...
*
हम किस्मत के बनें डिठौने,
करें न कोई काम घिनौने.
रंग भर सकें जग-जीवन में-
हों न अधूरे स्वप्न सलौने.
दॊए रहें दुर्गुण-दुःख हमसे
हों सद्गुण की खान...
*
स्वासों संग आसन के गौना,
प्यास हरे, रासों का दौना.
करे पूर्ण की प्राप्ति 'सलिल', पग
थामे नहीं पा औना-पौना.
समय-सत्य का कर पायें हम
समय-पूर्व अनुमान...
*

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