पूजा की महिमा
-डी. अर्चना, चेन्नई/D.ARCHANA, CHENNAI
हर घर में, मन मंदिर में
नवग्रह पूजा की महिमा अपार हो
नवग्रह लक्ष्मियों की कृपा से
हर मन का, सपना साकार हो।
"सर्वेजना सुखिनो भंवतु"
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नोट महात्म्य
- संजीव 'सलिल'
नोटों की माला पहन, लड़िये आम चुनाव.
नोट लुटा कर वोट लें, बढ़ा रहेगा भाव..
'सलिल' नोट के हार से, हुई हार भी जीत.
जो न रहे पहचानते, वे बन बैठे मीत..
गधा नोट-माला पहिन, मिले- बोलिए बाप.
बाप नोट-बिन मिले तो, नमन न करते आप..
पढ़े-लिखे से फेल हों, नोट रखे से पास.
सूखी कॉपी जाँचकर, टीचर पाए त्रास..
नोट देख चंगा करे, डॉक्टर तुरत हुज़ूर.
आग बबूला नोट बिन, तुरत भगाए दूर..
नोटों की माला पहिन, होगा तुरत विवाह,
नोट फेंक गृह-लक्ष्मी, हँसकर करे निबाह..
घरवाली साली सदृश, करती मृदु व्यवहार.
'सलिल' देखती जब डला, नोटों का गलहार..
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bhav purn vyagy rachna hai jo aakshepan ke saath srijnatmak drishti liye huye hai.
ReplyDeleteThanks for impressive poetry.