Wednesday, March 17, 2010

कृष्ण कुमार यादव को अक्षर शिल्पी सम्मान-2010


म0प्र0 के प्रतिष्ठित राजेश्वरी प्रकाशन, गुना ने युवा साहित्यकार एवं भारतीय डाक सेवा के अधिकारी श्री कृष्ण कुमार यादव को उनके विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और प्रशासन के साथ-साथ सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु अक्षर शिल्पी सम्मान-2010 से विभूषित किया है। अंडमान व निकोबार द्वीप समूह के निदेशक डाक सेवाएं पद पर पदस्थ श्री यादव की रचनाएं देश की विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं और इसके साथ ही आपकी अब तक कुल 5 पुस्तकें- अभिलाषा (काव्य संग्रह), अभिव्यक्तियों के बहाने (निबंध संग्रह), अनुभूतियां और विमर्श (निबंध संग्रह) और इंडिया पोस्टः 150 ग्लोरियस ईयर्स, क्रांति यज्ञः 1857 से 1947 की गाथा प्रकाशित हो चुकी हैं। शोधार्थियों हेतु हाल ही में आपके जीवन पर एक पुस्तक बढ़ते चरण शिखर की ओर - कृष्ण कुमार यादव भी प्रकाशित हुई है।

हाल ही में श्री कृष्ण कुमार यादव को भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा महात्मा ज्योतिबा फुले फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान-2009, भारतीय बाल कल्याण संस्थान द्वारा प्यारे मोहन स्मृति सम्मान, ग्वालियर साहित्य एवं कला परिषद द्वारा काव्य शिरोमणि-2009 एवं महाप्राण सूर्यकांत त्रिपाठी निराला सम्मान, साहित्यिक सांस्कृतिक कला संगम अकादमी, प्रतापगढ द्वारा विवेकानंद सम्मान, महिमा प्रकाशन, दुर्ग-छत्तीसगढ द्वारा महिमा साहित्य भूषण सम्मान व आल इंडिया नवोदय परिवार द्वारा भी अखिल भारतीय स्तर पर साहित्यिक योगदान हेतु सम्मानित किया गया है।



- गोवर्धन यादव, संयोजक-राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, छिंदवाड़ा

7 comments:

  1. के.के. यादव जी को हार्दिक बधाई और इस समाचार के प्रकाशन के लिए जयशंकर जी का आभार.

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  2. कृष्ण कुमार यादव जी को अक्षर शिल्पी सम्मान-2010 प्राप्त होने पर ढेरों शुभकामनायें. आप यूँ ही उन्नति के पथ पर अग्रसर हों.

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  3. कृष्ण कुमार यादव जी को अक्षर शिल्पी सम्मान-2010 प्राप्त होने पर ढेरों शुभकामनायें. आप यूँ ही उन्नति के पथ पर अग्रसर हों.

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  4. आदरणीय जयशंकर जी,
    आपके मेल और इस प्रकाशन के लिए धन्यवाद. आप हिंदी-जगत के लिए अच्छा कार्य कर रहे हैं. फ़िलहाल अंडमान निकोबार में हूँ. यहाँ जन-व्यव्हार की बोली रूप में हिंदी काफी लोकप्रिय है और हिंदी का प्रचार-प्रसार भी हो रहा है. यहाँ से नियमित रूप से रचनाएँ और साहित्यिक सूचनाएँ देते रहूँगा. अपना स्नेह बनाये रखें !!

    सादर,

    कृष्ण कुमार यादव.

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  5. रश्मि सिंह जी और शहरोज़ जी,

    आपकी शुभकामनाओं के लिए आभारी हूँ..धन्यवाद.

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  6. "कलम की इबादत कलमकार की जय !
    जो दिल में बसा है उसी प्यार की जय!!
    जहाँ पर अदब का बसेरा रहेगा !
    वहाँ पर न हरगिज अंधेरा रहेगा ॥
    महकती रहे आपकी कीर्ति - नेकी।
    रहें आप निर्भय, सुहृदय, विवेकी।
    तरक्की करें और उत्थान होवे।
    सदा आपका मान- सम्मान होवे ।"
    सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी

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  7. कृष्ण कुमार सर को इस शानदार सफ़र की बधाई. प्रशासन के साथ-साथ साहित्य का नाम भी रोशन करें.

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