इसी शीर्षक से युग मानस में की गई प्रविष्टियों पर कई पाठकों की दूरभाष पर प्रतिक्रियाएँ मिली हैं । कुछ खबरें ऐसी भी मिली हैं कि यहाँ प्रकाशित जानकारी एवं व्यय विभाग के आदेश के आधार पर प्रयास करने के पर भी कई जगह उचित कार्रवाई न करके इस संबंध में अलग से व्यय विभाग की ओर से ज्ञापन की माँग कर रहे हैं । यह हिंदी संवर्ग के प्रति उपेक्षा की पराकाष्ठा है । खैर, जब व्यय विभाग ने स्पष्ट कर ही दिया है, माँग करने पर आगे जाकर एक् सार्वजनिक स्पष्टीकरण भी जारी कर सकता है । इस संबंध में हिंदी संवर्ग के प्रति जारी उपेक्षा को समाप्त करने के लिए व्यय विभाग को चाहिए कि वह वेतन आयोग की साइट पर ही स्पष्टीकरण प्रकाशित कर दे ।
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