मुझे पता है तू जलता है
- अजय मलिक
मुझे पता है
तू जलता है
जहाँ -जहाँ जलता जाता जग ।
मुझे पता है उस डिबरी का
जिसकी लौ में तू जलता है ।
जरा बता तो
क्यों जलता है ?
जग के जलने से जलता है
या जलते जग से जलता है
किस किस के जल से जलता है
किस किस के बल से जलता है
क्यों जलता है ?
जाल जलन का ब्रह्म स्वरूप जब
ज्वाला ने ही धरे रूप सब
बिना आग के क्या है बोलो !!
दिल की हर धड़कन चिंगारी
आंसू की हर बूँद अंगारी
शब्द ब्रह्म भड़काते शोले
फ़िर क्यूं जलता है तू भोले ?
मुझे पता है
तू जलता है ...
---
No comments:
Post a Comment