Wednesday, November 16, 2011

सबसे कम उम्र में 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' Akshitaa honoured as youngest ‘National Child Award’ Winner



सबसे कम उम्र में 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' प्राप्त कर नन्हीं ब्लागर अक्षिता (पाखी) ने बनाया कीर्तिमान

आज के आधुनिक दौर में बच्चों का सृजनात्मक दायरा बढ़ रहा है. वे न सिर्फ देश के भविष्य हैं, बल्कि हमारे देश के विकास और समृद्धि के संवाहक भी. जीवन के हर क्षेत्र में वे अपनी प्रतिभा का डंका बजा रहे हैं. बेटों के साथ-साथ बेटियाँ भी जीवन की हर ऊँचाइयों को छू रही हैं. ऐसे में वर्ष 1986 से हर वर्ष शिक्षा, संस्कृति, कला, खेल-कूद तथा संगीत आदि के क्षेत्रों में उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों हेतु हेतु महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' आरम्भ किये गए हैं। चार वर्ष से पन्द्रह वर्ष की आयु-वर्ग के बच्चे इस पुरस्कार को प्राप्त करने के पात्र हैं.

वर्ष 2011 के लिए 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' 14 नवम्बर 2011 को विज्ञानं भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा तीरथ द्वारा प्रदान किये गए. विभिन्न राज्यों से चयनित कुल 27 बच्चों को ये पुरस्कार दिए गए, जिनमें मात्र 4 साल 8 माह की आयु में सबसे कम उम्र में पुरस्कार प्राप्त कर अक्षिता (पाखी) ने एक कीर्तिमान स्थापित किया. गौरतलब है कि इन 27 प्रतिभाओं में से 13 लडकियाँ चुनी गई हैं. सम्प्रति अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भारतीय डाक सेवा के निदेशक और चर्चित लेखक, साहित्यकार, व ब्लागर कृष्ण कुमार यादव एवं लेखिका व ब्लागर आकांक्षा यादव की सुपुत्री और पोर्टब्लेयर में कारमेल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में के. जी.- प्रथम की छात्रा अक्षिता (पाखी) को यह पुरस्कार कला और ब्लागिंग के क्षेत्र में उसकी विलक्षण उपलब्धि के लिए दिया गया है. इस अवसर पर जारी बुक आफ रिकार्ड्स के अनुसार- ''25 मार्च, 2007 को जन्मी अक्षिता में रचनात्मकता कूट-कूट कर भरी हुई है। ड्राइंग, संगीत, यात्रा इत्यादि से सम्बंधित उनकी गतिविधियाँ उनके ब्लाॅग ’पाखी की दुनिया (http://pakhi-akshita.blogspot.com/) पर उपलब्ध हैं, जो 24 जून, 2009 को आरंभ हुआ था। इस पर उन्हें अकल्पनीय प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं। 175 से अधिक ब्लाॅगर इससे जुडे़ हैं। इनके ब्लाॅग 70 देशों के 27000 से अधिक लोगों द्वारा देखे गए हैं। अक्षिता ने नई दिल्ली में अप्रैल, 2011 में हुए अंतर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन में 2010 का ’हिंदी साहित्य निकेतन परिकल्पना का सर्वोत्कृष्ट पुरस्कार’ भी जीता है।इतनी कम उम्र में अक्षिता के एक कलाकार एवं एक ब्लाॅगर के रूप में असाधारण प्रदर्शन ने उन्हें उत्कृष्ट उपलब्धि हेतु 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, 2011' दिलाया।''इसके तहत अक्षिता को भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा तीरथ द्वारा 10,000 रूपये नकद राशि, एक मेडल और प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया.

यही नहीं यह प्रथम अवसर था, जब किसी प्रतिभा को सरकारी स्तर पर हिंदी ब्लागिंग के लिए पुरस्कृत-सम्मानित किया गया. अक्षिता का ब्लॉग 'पाखी की दुनिया' (www.pakhi-akshita.blogspot.com/) हिंदी के चर्चित ब्लॉग में से है और इस ब्लॉग का सञ्चालन उनके माता-पिता द्वारा किया जाता है, पर इस पर जिस रूप में अक्षिता द्वारा बनाये चित्र, पेंटिंग्स, फोटोग्राफ और अक्षिता की बातों को प्रस्तुत किया जाता है, वह इस ब्लॉग को रोचक बनता है.

Akshitaa honoured as youngest ‘National Child Award’ Winner

Coming events cast their shadows before. All that's required afterwards is nurturing of talent. It’s come true for Akshitaa, a 4 year 8 months old girl. Studying in KG-I grade of Carmel Sr. Secondary School, Port Blair, Akshitaa's exceptional performance as an artist and as a blogger at such a young age, has earned her the ‘National Child Award’ for Exceptional Achievement, 2011. The award was presented by Hon'ble Smt. Krishna Tirath, Minister of State for Women and Child Development, Government of India on 14th November, 2011 on Children's Day at Vigyan Bhavan, New Delhi.

It is mentionworthy that The Government of India instituted the National Child Awards for Exceptional Achievement in 1996 to give recognition to children with exceptional abilities who have achieved outstanding status in fields such as academics, culture, arts, sports, music, etc. Children in the age group of 4-15 years are eligible for this award. This year Award was given to 27 Awardees from different states/UTs of India and Andaman-Nicobar Islands was represented by Akshitaa. Among 27 awardees Akshitaa was youngest child. Hon'ble Minister Smt. Krishna Tirath was so impressed to see such a young girl as Awardee and she blessed her wishes for her bright future. Akshitaa was not only youngest child to get the award but she also created history as this was the first time when any award for exceptional performance as a blogger was given by Govt. of India. The Award carries a cash prize of Rs. 10,000/- , a silver medal and a Certificate.

Akshita is a very small aged girl, but she has an inner self lit with creativity which shall be seen by her drawings and imagination in that. Not only that, she is a very famous blogger too. Being in a very small age It can’t think that she will write herself, but in her blog all the thoughts are given by Akshitaa and it is expressed in words by her parents. In the beginning, when her first drawing was seen by her parents they thought of it only as rubbish as every parents think. But they became serious when they got an appeal in her drawing. Her drawing is not only appreciated in India but also abroad. Her father Mr. K.K Yadav is Director of Postal Services in A&N islands and mother Mrs. Akanksha is a lecturer in College. Both of them are well known writers, poets & bloggers . Name of Akshitaa’s blog is – ‘Pakhi Ki Dunia’ (http://pakhi-akshita.blogspot.com). By this name itself someone can feel how the blog will be; and in real it is so sweet and exciting with many colorful things like her drawing, her curiosity to know everything, variety of knowledge etc. By seeing that so many people think whether it is possible for a 4 year 8 months old girl, but it’s true that talent is beyond any rule and regulation like age. It needs only the right way to express itself.


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