Friday, October 7, 2011

नेह

कविता


नेह


कंचन झा
भगत सिंह नगर,डेराबस्सी
मोहाली ,पंजाब
पिन -140507


एक बंधन .
शून्य में ,
अनंतता का परिचय .
सम व विषम
के मध्य .
जीवन से अथवा
बेजान से .
न कहने की बात .
न सुनने की जरूरत .
कड़े से मजबूत .
अनंततम तन्य भी .
न शुरू का पता .
न अंत की खबर .
यूँ मानो जैसे
" ईश्वर ".

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