Saturday, May 14, 2011

फ़ैज अहमद फ़ैज की शतजयंती समारोह / CENTENARY CELEBRATIONS OF FAIZ AHMED FAIZ














भिलाई नगर में प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान, छत्तीसगढ़ का अंतर्राष्ट्रीय आयोजन
फ़ैज अहमद फ़ैज की शतजयंती समारोह





आज दि.14 मई, 2011 को भिलाई होटल सभागार, भिलाई नगर में प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान, छत्तीसगढ़ का अंतर्राष्ट्रीय आयोजन फ़ैज अहमद फ़ैज की शतजयंती समारोह का महत्वपूर्ण आयोजन सुसंपन्न हुआ । आयोजन के कुल तीन सत्रों में आरंभिक सत्र उद्घाटन सत्र रहा, जिसकी अध्यक्षता श्री खगेंद्र ठाकुर, पटना ने की । कार्यक्रम का उद्घाटन विशिष्ट अतिथियों के रूप में उपस्थित पाकिस्तान से पधारे डॉ. मुनिज़ा हाश्मी, आरिफ़ा सैयदा, अब्दूर रऊफ़, संस्थान के अध्यक्ष श्री विश्वरंजन आदि के करकमलों से सुंपन्न हुआ ।
कार्यक्रम के आरंभ में महत्वपूर्ण व ऐतिहासिक कृतियों का विमोचन किया गया जिसमें श्री विश्वरंजन जी के संपादन में प्रकाशित फ़ैज अहमद फ़ैज एकाग्र ‘सच जिंदा है अब तक’ तथा केदारनाथ अग्रवाल एकाग्र ‘बांदा का योगी’ लाला जगदलपुरी की कृति गीत धन्वा, डॉ. दयाशंकर शुक्ल की कृति छत्तीसगढ़ी लोग साहित्य का अध्ययन, शिवशंकर शुक्ल की कृति डोकरी के कहिनी, रवि श्रीवास्तव की कृति नदी थकने नहीं देती, सुनीता वर्मा की कृति घर घुंदिया, शंभुलाल बसंत की कृति इक्यावन नन्हें गीत, जयप्रकाश मानस की कृतियाँ विहंग, बालकविताएँ, छत्तीसगढ़ी की लोक कथाएँ, श्री विश्वरंजन, आर.के.विज और जयप्रकाश मानस के संपादन में प्रकाशित कृति इंटरनेट, अपराध और कानून का विमोचन कार्यक्रम में उपस्थित हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकारों, पाकिस्तान से आगत विशिष्ट अतिथियों के करकमलों से संपन्न हुआ ।
उद्घाटन सत्र में प्रमोद वर्मा संस्थान के अध्यक्ष श्री विश्वरंजन जी ने संस्थान व संस्थान के आयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला । वक्ताओं ने फ़ैज अहमद फ़ैज के समग्र व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला । उद्घाटन सत्र के वक्ताओं में डॉ. अजय तिवारी, डॉ. धनंजय वर्मा, फ़ैज जी की सुपुत्री आरिफ़ा रऊफ़ आदि शामिल थे ।
तत्पश्चात् दो सत्र क़ैद-ए-क़फ़स से पहले, शामे-सहरे-यारा में भी फ़ैज के व्यक्तित्व व कृतित्व के तमाम आयामों पर वक्ताओं ने प्रकाश डाला । इन सत्रों के वक्ताओं में डॉ. मुनीज़ा हाश्मी, पाकिस्तान, अब्दूर रऊफ़, पाकिस्तान, डॉ. मौला बक्श, डॉ. रोहिताश्व आदि शामिल थे ।
शाम को काव्य-पाठ का आयोजन महफ़िल-ए-सुख़न के रूप में किया गया जिसमें देश व प्रदेश के प्रतिष्ठित शायरों ने काव्य पाठ किया जिसने श्रेताओं की वाह-वाही लूटी । काव्य-पाठ से पूर्व सभी शायरों का सम्मान श्री विश्वरंजन जी के करकमलों से सुसंपन्न हुआ ।

कार्यक्रम का सीधा वेब प्रसारण का आयोजन किया अष्टांक सॉफ्टवेयर व वेबडेवलपर्स के युवा उद्यमी श्री यश ताम्रकार और पंकज ताम्रकार ने । ज्ञातव्य है कि इस अवसर पर विमोचित फ़ैज और केदार पर केंद्रित समग्रों में युग मानस के संपादक डॉ. सी. जय शंकर बाबु के शोधात्मक लेख क्रमशः मानवीयता के आराधक फ़ैज, केदारनाथ अग्रवाल का काव्य संसार के शीर्षक से संकलित हुए हैं ।



कार्यक्रम का बढ़िया आयोजन श्री जयप्रकाश मानस व श्री डी.एस. अहलुवालिया की टीम ने किया ।

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