Wednesday, March 9, 2011

फ़ैज़ और केदारनाथ अग्रवाल पर आलेख आमंत्रित






रायपुर । यह वर्ष देश के महत्वपूर्ण कवियों की जन्मशताब्दी वर्ष है । इसी परिप्रेक्ष्य में प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान, रायपुर, छ.ग. द्वारा स.ही. वात्स्यायन ‘अज्ञेय’, शमशेर बहादुर सिंह, बाबा नागार्जुन पर केंद्रित
राष्ट्रीय एवं सफलतम आयोजन के पश्चात अब फ़ैज़ अहमद ‘फ़ैज़’ और केदारनाथ अग्रवाल के समग्र योगदान को याद करने के लिए लौह नगरी भिलाई, दुर्ग में आगामी 14-15 मई को दो दिवसीय राष्ट्रीय आयोजन सुनिश्चित किया जा रहा है । प्रथम दिवस फ़ैज़ और दिव्तीय दिवस केदार पर समर्पित होगा । प्रत्येक दिन दो-दो सत्रों में देश और विदेश के वरिष्ठ रचनाकार क्रमशः फ़ैज़ और केदारजी के समग्र लेखन, उनके लेखन की मूल चिंताओं सहित व्यक्तित्व पर भी विशेष विमर्श कर सकेंगे । यदि प्रतिभागी लेखक उक्त संगोष्ठी में उनके किसी ख़ास पहलू (विषय)पर विमर्श करना चाहते हैं तो उसकी जानकारी दे सकते हैं ।

संस्थान द्वारा इन दोनों विभूतियों के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित एक-एक ‘एकाग्र’ का प्रकाशन/विमोचन भी उक्त मौक़े पर किया जायेगा । इन दोनों ‘एकाग्रों’ के लिए भी मित्र/अमित्र लेखक हमें फ़ैज़ और केदारजी से जुड़े संस्मरण, पत्राचार, आलेख, समीक्षा, विमर्शात्मक आलेख 15 अप्रैल, 2011 के पूर्व जयप्रकाश मानस (कार्यकारी निदेशक), प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान, एफ-3, छगमाशिम, आवासीय परिसर, पेंशनवा़ड़ा, रायपुर, छत्तीसगढ़-492001, मो. - 94241-82664,
ई-मेल-pandulipipatrika@gmail.com फैक्स- 0771-4240077 पर उपलब्ध करा सकते हैं ।

इस ख़ास मौक़े पर संस्थान द्वारा प्रकाशित उक्त दोनों एकाग्रों के विमोचन के साथ संस्थान की त्रैमासिक पत्रिका पाण्डुलिपि-4, ‘वाणी’ के अंतर्गत रात्रिकालीन आयोजन में फ़ैज़ एवं केदार नाथ अग्रवाल तथा हिन्दी के प्रतिष्ठित कवियों का कविता पाठ भी देश भर के चुनिंदे लेखकों-कवियों-आलोचकों के विशेष सोहबत में संपन्न होगा।

प्रतिभागियों की प्रतिबद्धता एवं पक्षधरता पर संस्थान को कोई संदेह नहीं है । संस्थान अपने मंच से रचनाकारों की जनतांत्रिक बातों उन तक पहुँचाना चाहता है जिन तक प्रतिबद्ध लेखकों की बात पहुँचनी चाहिए, क्योंकि संस्थान का विश्वास है कि फ़ैज़ और केदार जी दोनों ही किसी खाँचे से मुक्त और
साहित्य के समृद्ध रचनाकारों में सर्वोपरि रहे हैं ।

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