tag:blogger.com,1999:blog-8436412995254442942.post6905934646982967724..comments2023-11-02T08:44:15.302-07:00Comments on युग मानस YUG MANAS: रंगों का पर्व होली की हार्दिक शुभकामनाएँयुग मानस yugmanashttp://www.blogger.com/profile/05890904857355987109noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8436412995254442942.post-52896947305989145312010-02-27T20:41:59.657-08:002010-02-27T20:41:59.657-08:00लगाते हो जो मुझे हरा रंग
मुझे लगता है
बेहतर होता
क...लगाते हो जो मुझे हरा रंग<br />मुझे लगता है<br />बेहतर होता<br />कि, तुमने लगाये होते<br />कुछ हरे पौधे<br />और जलाये न होते<br />बड़े पेड़ होली में।<br />देखकर तुम्हारे हाथों में रंग लाल<br />मुझे खून का आभास होता है<br />और खून की होली तो<br />कातिल ही खेलते हैं मेरे यार<br />केसरी रंग भी डाल गया है<br />कोई मुझ पर<br />इसे देख सोचता हूँ मैं<br />कि किस धागे से सिलूँ<br />अपना तिरंगा<br />कि कोई उसकी<br />हरी और केसरी पट्टियाँ उधाड़कर<br />अलग अलग झँडियाँ बना न सके<br />उछालकर कीचड़,<br />कर सकते हो गंदे कपड़े मेरे<br />पर तब भी मेरी कलम<br />इंद्रधनुषी रंगों से रचेगी<br />विश्व आकाश पर सतरंगी सपने<br />नीले पीले ये सुर्ख से सुर्ख रंग, ये अबीर<br />सब छूट जाते हैं, झट से<br />सो रंगना ही है मुझे, तो<br />उस रंग से रंगो<br />जो छुटाये से बढ़े<br />कहाँ छिपा रखी है<br />नेह की पिचकारी और प्यार का रंग?<br />डालना ही है तो डालो<br />कुछ छींटे ही सही<br />पर प्यार के प्यार से<br />इस बार होली में।<br /><br />-विवेक रंजन श्रीवास्तव 'विनम्र'Vivek Ranjan Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/06945725435403559585noreply@blogger.com